राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने शुक्रवार को टोंक में मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार सिर्फ धुआं फेंक रही है, और राजस्थान में बीजेपी का शासन अफसरशाही और सत्ता की अंदरूनी खींचतान में उलझा हुआ है।
पाकिस्तान पर तंज, भारत को दी सलाह
सीजफायर उल्लंघन के मुद्दे पर पायलट ने पाकिस्तान को घेरते हुए कहा, “मैं शुरू से कहता आ रहा हूं कि जिस दिन सीजफायर होता है, उसी दिन कुछ घंटों बाद सीमा पार से गोलीबारी शुरू हो जाती है। ऐसे देश पर भरोसा करना ही सबसे बड़ा सवाल है।” उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को पाकिस्तान से 11 गुना बड़ी बताते हुए कहा कि भारत को सतर्क और सोच-समझकर कदम उठाने की जरूरत है।
बीजेपी सरकार पर निशाना: “ध्यान सिर्फ कुर्सी बचाने में”
राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए पायलट ने कहा कि मौजूदा बीजेपी सरकार का सारा ध्यान दिल्ली के नेताओं को खुश करने और कुर्सी बचाने में लगा है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार में शुरू हुए कार्यों की न निगरानी हो रही है और न ही उनमें प्रगति। अफसरशाही हावी है और जनता के मुद्दे नजरअंदाज किए जा रहे हैं।” उन्होंने दावा किया कि जनता अभी तो मजबूरी में सब सह रही है, लेकिन अगले चुनाव में कांग्रेस को दोबारा मौका मिलेगा।
किरोड़ी लाल मीणा पर तंज
पायलट ने मंत्री किरोड़ी लाल मीणा द्वारा की जा रही छापेमारी पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “यह साफ नहीं है कि छापे कालाबाजारी करने वालों पर पड़ रहे हैं या अपने ही सहयोगियों को निशाना बनाया जा रहा है। यह सत्ता के भीतर का खेल प्रतीत होता है।” उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री द्वारा खुद छापे मारना इस बात का संकेत है कि सत्ता के भीतर बड़े केंद्र असंतुलित हो चुके हैं।
परिसीमन को बताया राजनीतिक चाल
स्थानीय निकाय और पंचायती राज चुनावों को लेकर उन्होंने कहा कि परिसीमन मनमर्जी से और राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा है। पायलट का आरोप था कि सत्ताधारी पार्टी सत्ता में बने रहने के लिए चुनावी क्षेत्रों को तोड़-मरोड़ रही है, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
गुर्जर महापंचायत पर चेतावनी
पीलूपुरा में प्रस्तावित गुर्जर महापंचायत पर प्रतिक्रिया देते हुए पायलट ने कहा, “संविधान और गजट नोटिफिकेशन के तहत जो अधिकार समाज को मिले हैं, अगर उनका पालन नहीं होता, तो जनता को सवाल पूछने और आंदोलन करने का अधिकार है।” उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि सामाजिक न्याय केवल कागजों में सीमित रहा, तो समाज सड़कों पर उतरने को मजबूर होगा।
निष्कर्ष:
टोंक से उठी सचिन पायलट की आवाज सिर्फ एक राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि आने वाले समय में राजस्थान की राजनीति में गर्माहट की एक झलक है। बीजेपी को सत्ता में बने रहने के लिए जहां और प्रयास करने होंगे, वहीं कांग्रेस अब विपक्ष में अधिक आक्रामक दिख रही है।
