वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से बाहर जीवन की खोज के लिए एक क्रांतिकारी टेलीस्कोप विकसित किया है जिसे एक्सट्रीमिली लार्ज टेलीस्कोप (ELT) नाम दिया गया है। यह दुनिया का सबसे बड़ा ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड टेलीस्कोप होगा जिसमें 39.3 मीटर चौड़ा प्राइमरी मिरर लगा होगा, जो 798 छोटे मिररों से मिलकर बना होगा। NASA और यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित यह टेलीस्कोप चिली में बनाया जा रहा है और इसके 2029 तक काम करना शुरू करने की उम्मीद है।
ELT की खासियत यह है कि यह मात्र कुछ घंटों में ही अन्य ग्रहों पर जीवन के संकेतों (बायोसिग्नेचर्स) का पता लगा सकेगा, जिसमें प्रॉक्सिमा सेंटॉरी जैसे नजदीकी तारों के ग्रहों का अध्ययन भी शामिल है। इस टेलीस्कोप में पारगम्य और गैर-पारगम्य दोनों प्रकार के ग्रहों का विश्लेषण करने की क्षमता होगी।
22 मंजिला इमारत के बराबर ऊंचाई वाले इस टेलीस्कोप के गुंबद का व्यास 87 मीटर होगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि 2030 तक यह टेलीस्कोप पूरी तरह संचालित हो जाएगा और दिसंबर 2030 में ‘वैज्ञानिक प्रथम प्रकाश’ प्राप्त होने के बाद यह पृथ्वी से बाहर जीवन के ठोस सबूत खोजने में सक्षम होगा। NASA के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के शोधकर्ताओं का कहना है कि ELT मानव इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपकरण साबित हो सकता है जो हमें यह जानने में मदद करेगा कि क्या हम ब्रह्मांड में अकेले हैं।
