मध्य प्रदेश में विवादित बयानों और बगावती सुरों से शर्मिंदगी झेल रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब सख्त रुख अपनाने के मूड में है। पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने साफ संकेत दिए हैं कि अब अनुशासनहीनता और बेलगाम बयानबाजी किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस संबंध में दिल्ली से प्रदेश संगठनों को स्पष्ट निर्देश भेजे गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल ही में सभी राज्यों के भाजपा अध्यक्षों से बातचीत की और उन्हें सख्त लहजे में हिदायत दी कि जो भी नेता पार्टी के खिलाफ बयान देते हैं या अनुशासन तोड़ते हैं, उन पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। नड्डा ने खासतौर पर मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा को फटकार लगाई और चेताया कि वे ऐसे नेताओं पर लगाम लगाएं, वरना पार्टी की छवि पर और आंच आएगी।
विजय शाह मामला बना वजह
पार्टी की यह सख्ती उस समय सामने आई जब राज्य के वरिष्ठ मंत्री विजय शाह का एक विवादित बयान सामने आया, जिससे भाजपा को भारी आलोचना झेलनी पड़ी। इस बयान के बाद सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक भाजपा को घेरने की कोशिश की गई। इससे पहले भी कई भाजपा विधायक और नेता अपने ही संगठन के खिलाफ सुर उठाते रहे हैं।
नेताओं की सूची लंबी
भाजपा के कई विधायक हाल के महीनों में खुले मंचों से या सोशल मीडिया पर पार्टी के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर चुके हैं:
-
गुना विधायक पन्नालाल शाक्य ने कहा कि प्रशासन उनकी नहीं सुनता, सिर्फ खास नेताओं को तवज्जो दी जाती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एससी वर्ग से होने के कारण उनकी आवाज दबाई जाती है।
-
शिवपुरी विधायक देवेन्द्र जैन ने पार्टी पर ही भ्रष्टाचार के आरोप जड़े।
-
पिछोर विधायक प्रीतम लोधी स्थानीय प्रशासन और प्रभारी मंत्री के खिलाफ लगातार बयान दे रहे हैं।
-
सोहागपुर विधायक विजयपाल सिंह और मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल ने पुलिस द्वारा धमकाने की शिकायत की है।
-
पूर्व गृह मंत्री और खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह ने यहां तक कह दिया कि भाजपा और कांग्रेस दोनों मिलकर उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं।
पार्टी की छवि को नुकसान
पार्टी नेतृत्व को आशंका है कि ऐसे बयान और गतिविधियां न केवल अनुशासनहीनता को दर्शाते हैं, बल्कि पार्टी की सार्वजनिक छवि को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं, खासकर तब जब भाजपा मध्य प्रदेश में सत्ता में है और जनता की अपेक्षाएं अधिक हैं।
आगे क्या?
जेपी नड्डा की नाराजगी के बाद अब यह माना जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व जल्द ही अनुशासन समिति को सक्रिय कर सकता है। जिन नेताओं के बयानों से पार्टी की छवि खराब हो रही है, उन पर कारण बताओ नोटिस से लेकर निलंबन तक की कार्रवाई संभव है।
