प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान के बीकानेर में दिए एक बयान पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने तीखा हमला बोला है। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए राहुल गांधी ने पीएम मोदी से सीधे-सीधे सवाल पूछे और उन्हें “खोखले भाषण” देने से परहेज़ करने की सलाह दी।
राहुल गांधी के तीखे सवाल
राहुल गांधी ने लिखा:
“मोदी जी, आप खोखले भाषण देना बंद करिए।”
इसके साथ ही उन्होंने तीन अहम सवाल प्रधानमंत्री से पूछे:
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आतंकवाद पर आपने पाकिस्तान की बात पर भरोसा क्यों किया?
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ट्रंप के सामने झुककर आपने भारत के हितों की कुर्बानी क्यों दी?
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आपका ख़ून सिर्फ़ कैमरों के सामने ही क्यों गरम होता है?
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने भारत के सम्मान से समझौता किया है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की छवि को आघात पहुंचाया है।
ट्रंप के दावों पर भी उठे सवाल
कांग्रेस पार्टी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों को लेकर भी सवाल उठाए। पार्टी ने लिखा, “डोनाल्ड ट्रंप 11 दिन में 8 बार कह चुके हैं कि उन्होंने भारत को धमकी देकर सीजफायर करवाया। यह भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि के लिए घातक है, लेकिन नरेंद्र मोदी अब तक खामोश हैं।”
विदेश मंत्री की चुप्पी पर भी निशाना
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बयानों पर भी विदेश मंत्रालय की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे सरकार की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं।
‘मुखबिरी’ का आरोप
राहुल गांधी ने जयशंकर के एक कथित बयान पर भी तीखा हमला बोला जिसमें कहा गया था कि भारत ने एक सैन्य ऑपरेशन से पहले पाकिस्तान को सूचित किया था। राहुल ने इस पर सवाल उठाते हुए पूछा, “इस ‘मुखबिरी’ से हमें कितने भारतीय विमान खोने पड़े? देश को सच जानने का हक है।”
पहलगाम हमले पर जयशंकर का बयान
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर कहा कि यह पाकिस्तान के जनरल आसिम मुनीर की “जहरीली मानसिकता” का परिणाम है। जयशंकर के अनुसार, आतंकियों का निशाना पर्यटन क्षेत्र था, जो घाटी की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है, और इस हमले का उद्देश्य धार्मिक उन्माद फैलाना था।
निष्कर्ष
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा, कूटनीति और नेतृत्व की कमजोरी को लेकर बड़ा हमला बोला है। राहुल गांधी के सवाल और कांग्रेस के आरोप आने वाले चुनावी माहौल में सियासी तापमान को और बढ़ा सकते हैं।
