जयपुर। राजधानी जयपुर में लंबे समय से जर्जर होती ट्रैफिक व्यवस्था पर अब नकेल कसने की शुरुआत हो गई है। ट्रैफिक विभाग में भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ डीसीपी ट्रैफिक शाहीन सी. ने बड़ा एक्शन लेते हुए एक साथ 17 ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। इसके साथ ही चार जवानों को आगामी पांच वर्षों तक ट्रैफिक ड्यूटी से प्रतिबंधित कर विभाग में खलबली मचा दी है।
लंबे समय से जमाव, लेकिन काम में लापरवाही
सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई अधिकारियों की कार्यशैली, ड्यूटी रिकॉर्ड और लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर की गई है। आरोप है कि ये जवान वर्षों से ट्रैफिक शाखा में जमे हुए थे और फील्ड ड्यूटी से बचने के लिए उच्चाधिकारियों के दफ्तरों में ड्यूटी का हवाला देकर रोस्टर से दूरी बना रहे थे। इस कारण शहर में यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही थी।
भ्रष्टाचार और गैर-ज़िम्मेदारी पर सख्ती
कई जवानों के खिलाफ घूसखोरी, चालान में हेराफेरी, बिना वर्दी ड्यूटी और शिथिलता जैसे गंभीर आरोप भी सामने आए हैं। इन सभी पहलुओं की जांच के बाद डीसीपी ने एक सख्त उदाहरण पेश करते हुए 17 जवानों को लाइन हाजिर किया और चार जवानों पर ट्रैफिक ब्रांच में तैनाती से प्रतिबंध लगाया।
ये चार जवान अब 5 साल तक ट्रैफिक ब्रांच से बाहर:
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कांस्टेबल अजय कुमार
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गजराज
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संजय कुमार
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देवेन्द्र सिंह
लाइन हाजिर किए गए 17 पुलिसकर्मी:
शिवराम, अजय कुमार, संतोष, ओम प्रकाश, राधेश्याम, गजराज, संजय कुमार, महेश कुमार, कजोड़मल, प्रेम सिंह, अभिमन्यु सिंह, भगवान सहाय, संदीप कुमार, जीतराम, हरिकिशन, धर्मवीर और देवेन्द्र सिंह।
आने वाला समय होगा और कड़ा
डीसीपी शाहीन सी. ने स्पष्ट किया है कि “शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु रखने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई आवश्यक है। अब रोस्टर प्रणाली को पूरी सख्ती से लागू किया जाएगा और भविष्य में भी कोई लापरवाही सामने आती है तो सख्त एक्शन होगा।”

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।