भारतीय क्रिकेट टीम के जर्सी स्पॉन्सर को लेकर लंबे समय से चली आ रही अटकलों पर विराम लग गया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने सोमवार को घोषणा की कि अपोलो टायर्स (Apollo Tyres) अब टीम इंडिया का नया जर्सी स्पॉन्सर होगा। एशिया कप 2025 में टीम इंडिया बिना स्पॉन्सर के खेल रही थी, लेकिन अब यह खालीपन भर गया है।
बोली में अपोलो टायर्स ने मारी बाजी
BCCI ने 2 सितंबर को जर्सी स्पॉन्सरशिप के लिए बोली प्रक्रिया शुरू की थी। इस प्रक्रिया में कई तरह की कंपनियों को प्रतिबंधित किया गया था, जिनमें गेमिंग, बेटिंग, क्रिप्टो, तंबाकू, बैंकिंग, बीमा, कोल्ड ड्रिंक और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कैटेगरी शामिल थीं।
इस प्रतिस्पर्धा में अपोलो टायर्स ने बीसीसीआई को प्रति मैच 4.5 करोड़ रुपये का ऑफर दिया, जो पिछले स्पॉन्सर Dream11 के मुकाबले ज्यादा है। ड्रीम 11 बीसीसीआई को प्रति मैच 4 करोड़ रुपये देती थी।
2027 तक रहेगा करार
समझौते के तहत अब भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर अपोलो टायर्स का लोगो 2027 तक चमकेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैनवा और जेके टायर इस रेस में शामिल थीं, जबकि बिड़ला ऑप्टस पेंट्स निवेश की इच्छुक थी, लेकिन उसने बोली प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया।
ड्रीम 11 क्यों पीछे हट गई?
ड्रीम 11 ने 2023 में बीसीसीआई के साथ 358 करोड़ रुपये का तीन साल का करार किया था, जिसके तहत घरेलू मैच के लिए 3 करोड़ और विदेशी मैचों के लिए 1 करोड़ रुपये मिलते थे। लेकिन हाल ही में लागू हुए नए गेमिंग बिल के चलते कंपनी को अपने पेड कॉन्टेस्ट बंद करने पड़े। इस वजह से राजस्व पर असर पड़ा और कंपनी ने डील से पीछे हटना ही बेहतर समझा।
बड़ा ब्रांड जुड़ा टीम इंडिया से
अपोलो टायर्स का टीम इंडिया से जुड़ना भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा कारोबारी कदम माना जा रहा है। इससे न सिर्फ बीसीसीआई की कमाई बढ़ेगी बल्कि ब्रांड वैल्यू भी मजबूत होगी। क्रिकेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि अपोलो टायर्स को ग्लोबल लेवल पर इससे जबरदस्त पहचान मिलेगी।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।