राजस्थान सरकार ने बेटियों के उज्ज्वल भविष्य और शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लागू लाडो प्रोत्साहन योजना की सहायता राशि को बढ़ाकर अब 1 लाख से 1.50 लाख रुपए कर दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा इस निर्णय की घोषणा 12 मार्च 2025 को की गई थी, जो 1 अगस्त 2024 से पूरे राज्य में प्रभावी है। इस योजना के नए दिशा-निर्देश महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी किए गए हैं।
योजना का उद्देश्य
यह योजना गरीब परिवारों में जन्म लेने वाली बालिकाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और समग्र विकास के लिए प्रोत्साहित करने के साथ-साथ समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देती है। साथ ही, यह संस्थागत प्रसव को बढ़ावा, बालिका मृत्यु दर में कमी और बाल विवाह पर रोक लगाने में भी सहायक मानी जा रही है।
क्या है पात्रता?
-
बालिका का जन्म राजकीय या JSY मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल में होना चाहिए।
-
माता राजस्थान की मूल निवासी होनी चाहिए।
-
गर्भवती महिला का ANC पंजीकरण, बैंक खाता और संबंधित दस्तावेज PCTS पोर्टल पर दर्ज होने चाहिए।
-
योजना के अंतर्गत बालिका को जन्म के समय यूनिक PCTS ID दी जाएगी।
राशि भुगतान प्रक्रिया
लाडो प्रोत्साहन योजना की राशि 7 किश्तों में Direct Benefit Transfer (DBT) के जरिए दी जाएगी:
क्रम | स्थिति | राशि |
---|---|---|
1 | जन्म के समय (संस्थागत प्रसव) | ₹2,500 |
2 | 1 वर्ष की आयु पूर्ण और टीकाकरण | ₹2,500 |
3 | प्रथम कक्षा में प्रवेश | ₹4,000 |
4 | छठी कक्षा में प्रवेश | ₹5,000 |
5 | 10वीं कक्षा में प्रवेश | ₹11,000 |
6 | 12वीं कक्षा में प्रवेश | ₹25,000 |
7 | स्नातक उत्तीर्ण और 21 वर्ष की आयु पूरी होने पर | ₹1,00,000 |
महत्वपूर्ण: पहली छह किश्तें माता-पिता या अभिभावक के खाते में दी जाएंगी, जबकि अंतिम किश्त बालिका के खाते में सीधे ट्रांसफर की जाएगी।
राजश्री योजना का विलय
महिला अधिकारिता विभाग के अनुसार, राजश्री योजना को अब लाडो प्रोत्साहन योजना में समाहित किया गया है। राजश्री योजना की आगे की किश्तों का लाभ भी अब इसी योजना के तहत पात्र बालिकाओं को मिलेगा।
योजना का संचालन व निगरानी
-
प्रशासनिक जिम्मेदारी: महिला अधिकारिता निदेशालय के पास
-
समीक्षा: प्रत्येक 3 माह में जिला कलेक्टर
-
पर्यवेक्षण: बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ टास्क फोर्स द्वारा
निष्कर्ष
लाडो प्रोत्साहन योजना न केवल बालिकाओं को जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक आर्थिक संबल प्रदान करेगी, बल्कि इससे राज्य में बेटियों के प्रति सोच में भी सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है। योजना के तहत समय पर दस्तावेजों का पंजीकरण और शैक्षणिक जानकारी पोर्टल पर दर्ज कराना लाभ प्राप्त करने के लिए अनिवार्य होगा।
