दौसा में लंबे समय के इंतजार के बाद मुख्यालय सहित गांव में अच्छी बारिश हुई। शनिवार और रविवार को कई बार घंटों तक मूसला धार बारिश हुई। बारिश के कारण शहर की सड़कों पर पानी भर गया, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
दौसा जिले में इस बाढ़ के कारण कई लोगों के वाहन बंद हो गए, लेकिन कई घंटों की बारिश के बाद भी जिला सरकार पानी की निकासी का प्रबंध ठीक से नहीं कर पाई और क्योंकि पानी निकासी के समुचित प्रबंध मॉनसून पीरियड से पहले नहीं किए।
बारिश के कारण वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को काफी दिक्कतें हुईं। जयपुर-दौसा शहर के बायपास पर इतना पानी है कि यात्री इसे पार नहीं कर सकते। कुछ माह पहले ही शहर की सभी सड़कों की मरम्मत करायी गयी थी. शहर में बनी सड़कों की प्लानिंग में कमी, लाखों रुपये खर्च और जलनिकासी की कमी के कारण ये सड़कें नदी जैसी हैं. ये तरीके उन दावों को उजागर करते हैं कि जैसे-जैसे वे विकसित होंगे, वे यातायात प्रवाह में सुधार करेंगे। पहली बारिश ने ही सरकार के सारे दावों की हवा निकाल दी.
बैजूपाड़ा जिले में 8 मिमी बारिश हुई. लालसोट में 44 मिमी, बांदीकुई में 28 मिमी, दौसा में 25 मिमी, निर्झरना में 11, बसवा में 10 और बहरावडा में 5 मिमी बारिश हुई। संक्षेप में कहें तो यह इस क्षेत्र की पहली अच्छी बारिश है, जिसके चलते किसानों में खुशी लौट आई है। लेकिन सड़क की हालत बेहद खराब है.
बारिश होने के साथ हवा भी लगातार चलती रही। दौसा में भारी बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया था और उधर जिला प्रशासन शहर में हुए पानी के भराव की सुध लेने को तैयार नहीं हुआ। बारिश का दौर लगभग पूरे शहर में चला। बारिश से पहले इलाके का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर था, लेकिन बारिश के कारण तापमान में भी 5 से 6 डिग्री की गिरावट आई है. न्यूनतम तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गयी. इससे लोग गर्मी और उमस से बचे रहे। साथ ही इस बारिश से आने वाले सीजन में अच्छी फसल होने की भी उम्मीद है.
