फरीदाबाद। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के फरीदाबाद जिले के अरावली क्षेत्र में चल रहे वन विभाग के बुलडोजर एक्शन के खिलाफ शनिवार को अनंगपुर गांव में जोरदार महापंचायत हुई। इस महापंचायत में हजारों की संख्या में किसान, ग्रामीण और गुर्जर समुदाय के नेता शामिल हुए। पंचायत में सरकार और प्रशासन की कार्रवाई पर तीखा विरोध जताया गया और इसे गांव उजाड़ने वाला फैसला बताया गया।
वन विभाग के बुलडोजर एक्शन से भड़का गुस्सा
पिछले कुछ दिनों से फरीदाबाद के अनंगपुर गांव में वन विभाग द्वारा अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। इसके जवाब में ग्रामीणों ने एकजुट होकर महापंचायत का आयोजन किया, जिसमें भारतीय किसान यूनियन और किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा सहित कई संगठनों ने समर्थन दिया। ग्रामीणों का कहना है कि अनंगपुर गांव सदियों पुराना है, और वहां के निवासी कई पीढ़ियों से वहां रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि वन अधिनियम बाद में आया, लेकिन उसे पुराने बसे गांवों पर लागू करना जनविरोधी फैसला है।
सरकार पर गंभीर आरोप
पंचायत में शामिल किसानों और गुर्जर नेताओं ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार पूरे देश में बुलडोजर की राजनीति कर रही है और अब गांवों को उजाड़ने पर आमादा है। ग्रामीणों ने ऐलान किया कि वे किसी भी कीमत पर अपनी जमीन और घर खाली नहीं करेंगे। वन विभाग ने अनंगपुर गांव को अरावली क्षेत्र में अवैध कब्जा करार देते हुए घर खाली करने के आदेश दिए हैं। इसके खिलाफ गांव में लगातार धरना-प्रदर्शन जारी है। शुक्रवार को धरने में कांग्रेस नेता विजय प्रताप और अन्य किसान संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे।
13 जुलाई को होगी राष्ट्रीय पंचायत
महापंचायत में ऐलान किया गया कि 13 जुलाई को ‘राष्ट्रीय पंचायत’ बुलाई जाएगी, जिसमें पूरे एनसीआर के किसान और समाज के नेता शामिल होंगे। यह पंचायत वन विभाग की कार्रवाई के विरोध में बड़ा आंदोलन खड़ा करने की रणनीति बनाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत कार्रवाई
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हरियाणा सरकार अरावली क्षेत्र में अवैध निर्माण हटाने की प्रक्रिया चला रही है। अब तक 420 से अधिक अवैध निर्माणों को गिराया जा चुका है, जिसमें अनंगपुर समेत कई गांव शामिल हैं। हालांकि, अनंगपुर गांव की बड़ी आबादी को देखते हुए वहां भारी विरोध देखने को मिल रहा है।
निष्कर्ष
वन विभाग की इस कार्रवाई ने वन संरक्षण बनाम ग्रामीण अधिकारों की बहस को फिर से हवा दे दी है। आने वाले दिनों में अनंगपुर और अन्य गांवों में स्थिति और गंभीर हो सकती है।

Author: manoj Gurjar
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