जयपुर-बांदीकुई लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश अब खुलकर सामने आने लगा है। श्यामसिंहपुरा और द्वारापुरा के बीच पुलिया के पास रविवार को एक महापंचायत आयोजित की गई, जिसमें आसपास के गांवों से सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। ग्रामीणों की प्रमुख मांग है कि एक्सप्रेसवे में कट (कनेक्टिविटी प्वाइंट) निकालकर बांदीकुई क्षेत्र के गांवों को सीधे जोड़ा जाए।
महापंचायत में ऐलान – जब तक मांगें पूरी नहीं, एक्सप्रेसवे शुरू नहीं होने देंगे
ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक उनकी कनेक्टिविटी की मांग पूरी नहीं होती, तब तक वे एक्सप्रेसवे को चालू नहीं होने देंगे। आंदोलन के अगले चरण की घोषणा करते हुए ‘इंटरचेंज संघर्ष समिति’ ने धरने को अनिश्चितकालीन करार दिया है।
धरनास्थल पर बुजुर्ग की तबीयत बिगड़ी, मौत से गमगीन हुआ माहौल
धरने के दौरान द्वारापुरा निवासी 65 वर्षीय कैलाश शर्मा की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें तुरंत बांदीकुई और फिर जयपुर रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मौत से धरनास्थल पर शोक की लहर दौड़ गई और आंदोलन और भी भावनात्मक रूप लेता दिखा।
5 दिन का अल्टीमेटम, नहीं माने तो कलक्ट्रेट घेराव और हाईवे जाम
संघर्ष समिति ने प्रशासन को 5 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो दौसा कलक्ट्रेट का घेराव किया जाएगा और एक्सप्रेसवे को पूरी तरह से जाम कर दिया जाएगा।
ग्रामीणों का आरोप – बांदीकुई को नजरअंदाज किया गया
ग्रामीणों का कहना है कि एनएच फोर-सी के तहत दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जयपुर रिंग रोड को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन बांदीकुई क्षेत्र में कहीं भी कट अथवा इंटरचेंज की सुविधा नहीं दी गई है। इससे सैकड़ों गांवों की कनेक्टिविटी प्रभावित होगी।
लोकार्पण नहीं होने देंगे
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक कट की सुविधा नहीं दी जाती, तब तक वे किसी भी हालत में जयपुर-बांदीकुई लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण नहीं होने देंगे।
सरकार से आग्रह
अब देखना यह होगा कि प्रशासन और सरकार इस जनआंदोलन को कितनी गंभीरता से लेती है और क्या ग्रामीणों की मांगों को पूरा कर सुलह का रास्ता तलाशा जाता है या आंदोलन और उग्र रूप लेता है।
