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सुप्रीम कोर्ट से राहत: SI पेपर लीक मामले में शोभा राईका सहित तीन आरोपियों को अंतरिम जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राजस्थान पुलिस उपनिरीक्षक (SI) भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पूर्व सदस्य रामू राम राईका की बेटी शोभा राईका समेत तीन आरोपियों को अंतरिम जमानत दे दी। इस फैसले से शोभा राईका, बर्खास्त उप निरीक्षक बिजेन्द्र कुमार और कथित मीडिएटर सुरेश कुमार को सशर्त रिहाई मिल गई है।

न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश सुनाया। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आरोपी न तो किसी गवाह को प्रभावित करेंगे और न ही ट्रायल में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न करेंगे। यह फैसला याचिकाकर्ताओं द्वारा दी गई उन दलीलों के आधार पर आया, जिनमें कहा गया था कि वे 31 अगस्त 2024 से हिरासत में हैं, चालान पेश हो चुका है, लेकिन अब तक आरोप तय नहीं हो पाए हैं और ट्रायल शुरू नहीं हो सका है।

गौरतलब है कि शोभा राईका और बिजेन्द्र कुमार को पहले ही पुलिस उपनिरीक्षक पद से बर्खास्त किया जा चुका है। वहीं इस मामले के अन्य आरोपी और शोभा के भाई देवेश राईका तथा पूर्व RPSC सदस्य रामू राम राईका अब भी न्यायिक हिरासत में हैं।

इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर राजस्थान में सरकारी भर्तियों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामले की जांच एटीएस और एसओजी द्वारा की जा रही है, और राज्य सरकार पर दबाव है कि वह परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी बनाए और दोषियों को कठोर सजा दिलवाए।

अब उठे नए सवाल

सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत के बाद अब यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या मामले में सभी आरोपियों को समान मापदंड से देखा जा रहा है? इसके साथ ही यह भी चर्चा में है कि क्या इस मामले में राजनीतिक या प्रशासनिक प्रभाव का उपयोग हो रहा है? राजस्थान में पेपर लीक मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य की कानून व्यवस्था और परीक्षा प्रणाली को लेकर एक बार फिर गंभीर बहस छिड़ गई है।

जांच जारी, निगाहें अगली सुनवाई पर

फिलहाल कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है, लेकिन अंतिम निर्णय ट्रायल और जांच की प्रगति पर निर्भर करेगा। मामले की अगली सुनवाई और जांच की दिशा पर अब सबकी नजरें टिकी हैं।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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