बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और प्रदेश की राजनीति गरमाने लगी है। जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर और नालंदा के एक उपजिलाधिकारी (SDM) के बीच हुई तीखी बहस का वीडियो सोमवार को सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। बहस उस समय शुरू हुई जब प्रशांत किशोर अपने ‘बिहार बदलाव हस्ताक्षर अभियान’ के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याण बिगहा जा रहे थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें बीच रास्ते में रोक दिया।
“क्या गांव में आने से पहले परमिशन लेनी पड़ेगी?” — प्रशांत किशोर
वायरल वीडियो में प्रशांत किशोर गुस्से में प्रशासन से सवाल करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने SDM से सीधे पूछा, “तुम SDM हो… गांव में आने से पहले परमिशन लेनी पड़ेगी क्या?” पीके ने अधिकारियों पर सत्ता के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा, “आप लॉ एंड ऑर्डर के पुरोधा मत बनिए, आप राजनेता नहीं हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर मुख्यमंत्री के गांव में जाने से किसी को डर है, तो वह बिहार में विकास के दावों पर खुद सवाल खड़ा करता है।
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं
जन सुराज पार्टी के ऑफिशियल X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट से इस बहस का वीडियो पोस्ट किया गया। वीडियो के कैप्शन में लिखा गया: “ये ब्रिटिश राज चल रहा है क्या कि गांव में जाने के लिए SDM की इजाजत चाहिए?” पोस्ट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तीखा हमला किया गया। पार्टी ने लिखा, “नीतीश कुमार कब तक अपने अधिकारियों के सहारे जनता की आवाज को दबा लोगे?“
SDM पर मारपीट का भी आरोप
एक अन्य घटना में बक्सर जिले के SDM राकेश कुमार पर एक बस ड्राइवर को थप्पड़ मारने का आरोप लगा है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि ड्राइवर कह रहा है उसके पास सारे कागज हैं, लेकिन अधिकारी की बातों से असहमत होने पर उसे थप्पड़ मार दिया गया। इस घटना ने प्रशासनिक रवैये पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों ने पूछा है कि क्या अब लोकतंत्र में आम आदमी की आवाज और इज्जत इतनी सस्ती हो गई है?
राजनीतिक मायने
बिहार में चुनाव से पहले प्रशांत किशोर की सक्रियता और जन सुराज पार्टी की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता सत्ता पक्ष के लिए चुनौती बनती दिख रही है। वहीं, प्रशासन और नेताओं के बीच टकराव के ऐसे दृश्य आने वाले दिनों में और गरमाहट ला सकते हैं।
