जम्मू-कश्मीर के पुंछ में हालात का जायजा लेने पहुंचे कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सीमा पार गोलीबारी से प्रभावित परिवारों के घावों पर सियासी नहीं, मानवीय मरहम लगाने की कोशिश की। उन्होंने वहां टूटे हुए घरों, उजड़े परिवारों और भयभीत बच्चों के बीच जाकर हमदर्दी और भरोसे का संदेश दिया – “मैं आपकी आवाज़ बनूंगा।”
शहीदों के परिवारों से मुलाकात, बच्चों को दिया भरोसा
राहुल गांधी ने पाकिस्तानी गोलाबारी में प्रभावित हुए नागरिकों और शहीद विहान भार्गव तथा शहीद मौलाना कारी मोहम्मद इकबाल के परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने जामिया जिया-उल-उलूम का दौरा कर छात्रों से संवाद किया और कहा: “आपने खतरा और भयावहता देखी है, लेकिन घबराएं नहीं – सब कुछ सामान्य हो जाएगा। शिक्षा और दोस्ती से ही डर को हराया जा सकता है।”
‘मैं पीड़ितों के साथ मजबूती से खड़ा हूं’
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा:“टूटे हुए घर, नम आंखें और अपनों को खोने की कहानियां… इन देशभक्त परिवारों का साहस नमन योग्य है। मैं इनकी मांगों को राष्ट्रीय मंच पर उठाऊंगा।”
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पुंछ सेक्टर में तनाव
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद, भारत ने 7 मई को “ऑपरेशन सिंदूर” चलाकर पाकिस्तान और पीओके के आतंकी ठिकानों पर हमला किया था। जवाबी तौर पर पाकिस्तान की ओर से तोपों, मोर्टार और ड्रोन से भारी गोलाबारी की गई, जिससे पुंछ सेक्टर के कई गांव प्रभावित हुए।
राहुल गांधी का दर्द साझा करने का प्रयास या सियासी संदेश?
हालांकि राहुल गांधी का यह दौरा मानवीयता से जुड़ा रहा, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसे 2026 विधानसभा चुनावों से पहले जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की जमीनी मौजूदगी को मजबूत करने की कोशिश भी माना जा रहा है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा: “यहां भारी क्षति हुई है। लोगों ने मुझसे अपील की है कि मैं उनके मुद्दों को संसद और राष्ट्रीय मीडिया तक पहुंचाऊं – और मैं ऐसा जरूर करूंगा।”
तनाव की पृष्ठभूमि: भारत-पाक के बीच बढ़ी तल्खी
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भी मिसाइल और ड्रोन हमले किए, लेकिन भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों और हवाई अड्डों को निशाना बनाया गया। आखिरकार 10 मई को दोनों देशों के बीच युद्धविराम घोषित हुआ।
निष्कर्ष
राहुल गांधी का यह दौरा केवल राजनीति नहीं, बल्कि मानवीय संवाद और जमीनी हकीकत से जुड़ने की कवायद के रूप में सामने आया है। उनका यह बयान – “मैं आपकी आवाज़ बनूंगा”, सिर्फ वादा नहीं, बल्कि आने वाले महीनों में कांग्रेस की रणनीति की दिशा भी तय कर सकता है।
