जयपुर | 16 जुलाई 2025
राजस्थान में मुफ्त बिजली योजना को लेकर सरकार ने एक नई रणनीति तैयार की है, जिसके तहत राज्य के 1.04 करोड़ घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को सोलर ऊर्जा से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें से 27 लाख उपभोक्ताओं को खुद अपने घर की छत पर 1.1 किलोवाट क्षमता वाले सोलर पैनल लगाने होंगे। यह वे उपभोक्ता हैं जिनकी मासिक बिजली खपत 150 यूनिट से अधिक है।
क्या है नया सोलर फॉर्मूला?
राज्य सरकार और केंद्र की साझेदारी में बने इस फॉर्मूले के अनुसार:
-
प्रत्येक घरेलू उपभोक्ता को 1.1 किलोवाट का सोलर पैनल लगाना होगा।
-
इसकी अनुमानित कीमत 50,000 रुपये है।
-
इसमें से 33,000 रुपये की सब्सिडी केंद्र सरकार देगी (पीएम सूर्यघर योजना के तहत)।
-
शेष 17,000 रुपये की राशि राज्य सरकार उपभोक्ता के खाते में भेजेगी।
इससे उपभोक्ता को मुफ्त बिजली मिलेगी और सरकार पर सब्सिडी का बोझ भी कम होगा।
पहले चरण में 77 लाख उपभोक्ता होंगे शामिल
योजना के पहले चरण में उन 77 लाख उपभोक्ताओं को शामिल किया गया है, जिनकी मासिक खपत 150 यूनिट से कम है। इन उपभोक्ताओं को दो विकल्प दिए जाएंगे: वे खुद अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाएं। यदि जगह नहीं है, तो नजदीकी जीएसएस या सरकारी भवनों की छतों पर सोलर प्लांट स्थापित किए जाएंगे और वहां से बिजली सप्लाई की जाएगी।
सरकार का बड़ा लक्ष्य, केंद्र से मिली मंजूरी
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस योजना को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। केंद्र की ओर से तीन किलोवाट तक के सोलर संयंत्रों पर अधिकतम 78,000 रुपये तक की सब्सिडी देने का प्रावधान है। योजना को पीएम सूर्यघर योजना से जोड़ा गया है ताकि व्यापक स्तर पर सौर ऊर्जा को बढ़ावा मिले।
फ्री बिजली योजना पर भी होगा असर
राज्य सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को हर साल 6200 करोड़ रुपये की मुफ्त बिजली की सब्सिडी दे रही है। मौजूदा योजना में अधिकतम 562.50 रुपये तक की छूट दी जा रही है। इस पर केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हाल ही में सवाल भी उठाए थे, जिससे सरकार ने इस सब्सिडी को लंबे समय तक टिकाऊ बनाने के लिए सौर ऊर्जा पर फोकस किया है।
बड़े उपभोक्ताओं पर फेज-2 में फोकस
वर्तमान में सरकार का प्राथमिक फोकस छोटे उपभोक्ताओं (150 यूनिट से कम) पर है, लेकिन 27 लाख बड़े उपभोक्ता, जो अधिक बिजली खपत करते हैं, उन्हें दूसरे चरण में शामिल किया जाएगा। डिस्कॉम इन्हें “सक्षम उपभोक्ता” मानते हुए प्रोत्साहित करेगा कि वे अपने घरों पर पैनल स्वयं लगवाएं।
निष्कर्ष
राजस्थान सरकार की यह नई रणनीति ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। इससे एक ओर उपभोक्ताओं को लंबे समय तक मुफ्त बिजली का लाभ मिलेगा, तो दूसरी ओर राज्य पर सब्सिडी का बोझ भी घटेगा। हालांकि, इस योजना की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि उपभोक्ता सोलर पैनल अपनाने को लेकर कितने तैयार हैं। फिलहाल यह योजना देशभर में राज्य सरकारों के लिए एक मॉडल बन सकती है, जो मुफ्त बिजली के स्थायी समाधान की तलाश कर रही हैं।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।