बीजिंग और नई दिल्ली के बीच सीमा पर तनाव जारी
चीन एक बार फिर अपने दोहरे चरित्र को उजागर करते हुए भारत के साथ बातचीत और सीमा पर सैन्य दबाव बनाने की रणनीति अपना रहा है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल द्वारा 18 दिसंबर को बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के ठीक एक दिन बाद, चीन ने लद्दाख के पास सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया।
क्या है मामला?
रक्षा विशेषज्ञ आदिल बरार ने दावा किया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट में लाइव-फायर अभ्यास किया। इस अभ्यास की खबर PLA के सरकारी अखबार ने प्रकाशित की थी।
- स्थान: पूर्वी लद्दाख के पास।
- तरीके: वास्तविक युद्ध परिस्थितियों का अभ्यास, जिसमें सूचना संचार, खुफिया तंत्र, और कमांड व नियंत्रण पर जोर दिया गया।
क्या दिखाया गया अभ्यास में?
PLA ने इस अभ्यास में PHL-11 मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम का इस्तेमाल किया।
- यह चीन का 122 मिमी का मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम है।
- इसे नोरिन्को ने विकसित किया है।
- यह पुराने PHL-81 सिस्टम की जगह लेता है और लंबी दूरी तक हमला करने में सक्षम है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह तैयारी भारत के खिलाफ दबाव बनाने के उद्देश्य से की गई है।
दबाव बनाने की रणनीति?
चीन ने इस अभ्यास को अपने सरकारी मीडिया प्लेटफॉर्म CCTV पर प्रसारित नहीं किया, लेकिन इसे शिन्हुआ समाचार एजेंसी में रिपोर्ट किया गया।
- यह भारत को संकेत देने की कोशिश है कि चीन इस क्षेत्र में सक्रिय रूप से अपनी सैन्य तैयारी कर रहा है।
- विशेषज्ञों का कहना है कि यह चीन की रणनीतिक दबाव बनाने की एक चाल है।
भारत के लिए चेतावनी
रक्षा विशेषज्ञों ने चीन की इस चाल को भारत के लिए खतरा बताया है।
- अजित डोभाल की यात्रा का उद्देश्य सीमा विवाद को हल करना था।
- लेकिन चीन का यह कदम उसकी असली मंशा को उजागर करता है।
- चीन के अभ्यास का समय और स्थान भारत के लिए रणनीतिक चिंता का विषय है।
भारत को अलर्ट रहने की जरूरत
चीन की इस हरकत से यह स्पष्ट है कि भारत और चीन के बीच सीमा पर विश्वास बहाल करना आसान नहीं होगा।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि भारत को न केवल सैन्य रूप से सतर्क रहना चाहिए, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी चीन के इरादों पर नजर रखनी चाहिए।
क्या चीन की यह चाल सीमा विवाद को और गहरा करेगी, या भारत और चीन के बीच बातचीत से कोई समाधान निकल सकेगा? यह देखना बाकी है।