नई दिल्ली, 15 अप्रैल 2025 — भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस साल के मानसून सीजन को लेकर अपना पहला आधिकारिक पूर्वानुमान जारी कर दिया है। विभाग के अनुसार, इस वर्ष भारत में औसत से अधिक मॉनसून वर्षा की संभावना है। अनुमान के मुताबिक, वर्षा दीर्घकालिक औसत (LPA) के 105% तक हो सकती है।
IMD के अनुसार, यदि वर्षा LPA के 105% से 110% के बीच होती है, तो उसे “औसत से अधिक” श्रेणी में रखा जाता है। यह पूर्वानुमान कृषि और जल प्रबंधन की दृष्टि से राहत भरी खबर मानी जा रही है, खासकर उन राज्यों के लिए जो खेती पर अत्यधिक निर्भर हैं।
इन क्षेत्रों में कम बारिश की संभावना
हालांकि, कुछ क्षेत्रों को इस बार निराशा हाथ लग सकती है। मौसम विभाग के अनुसार लद्दाख, उत्तर-पूर्व भारत और तमिलनाडु में इस वर्ष सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना जताई गई है। IMD ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून लगभग 1 जून से केरल तट पर दस्तक देगा और यह मानसूनी प्रवाह सितंबर के मध्य तक सक्रिय रहेगा।
अल नीनो की आशंका नहीं
IMD के प्रमुख डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि इस वर्ष अल नीनो जैसी प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों के विकसित होने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, “मौसम पूर्वानुमान मॉडल्स के अनुसार, भारतीय उपमहाद्वीप में इस बार सामान्य से कम वर्षा की स्थिति नहीं बनेगी।”
भीषण गर्मी से राहत नहीं
जहां एक ओर मानसून की अच्छी खबर है, वहीं अगले कुछ महीनों में देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ने की भी चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग ने कहा है कि अप्रैल से जून के बीच कई क्षेत्रों में हीटवेव की स्थिति बन सकती है और तेज़ लू चलने की आशंका है।
पिछले अलर्ट्स पर एक नजर
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Red Alert: बिहार के कई जिलों में ओलावृष्टि और बिजली गिरने की चेतावनी।
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Orange Alert: 12-13 अप्रैल को भारी बारिश और वज्रपात की आशंका।
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Multiple State Alert: 7 राज्यों में मौसम पलटने का अलर्ट।
क्या है ला नीना?
ला नीना एक जलवायु प्रक्रिया है जिसमें पूर्वी प्रशांत महासागर की सतह का तापमान सामान्य से कम हो जाता है। यह अल नीनो की विपरीत स्थिति होती है और दुनिया के मौसम पैटर्न को प्रभावित करती है।
