राजस्थान में मार्च के महीने में बारिश, ओलावृष्टि और बादलों की गर्जना जारी है। 29 और 30 मार्च को एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इससे किसानों, सरकार और जनता की चिंता बढ़ गई है। मौसम विभाग ने 29 मार्च से राज्य में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई है। इस इलाके में 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की चेतावनी दी गई थी।
मौसम वैज्ञानिकों ने किसानों को बारिश और ओलों से सावधान रहने की सलाह दी है। मौसम सेवा के अनुसार, 29-30 मार्च को एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है। 29 मार्च को बीकानेर और जैसलमेर जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ेंगे। अन्य इलाकों में भी मौसम गिरजाघर में रहने की उम्मीद है। इस संकट का प्रभाव 30 मार्च को चरम पर रहने की संभावना है और राज्य में वायरस का प्रसार शुरू होने की संभावना है।
इस समय जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, जयपुर, कोटा एवं भरतपुर संभाग के क्षेत्रों में तेज आंधी, अचानक तेज हवा (30-40 किमी/घंटा की गति) तथा ओलावृष्टि की संभावना है। 31 मार्च को विक्षोभ का असर राज्य के उत्तरी हिस्से में बीकानेर, जयपुर और भरतपुर जिलों में महसूस किया जाएगा। भारी बारिश और बादलों की गर्जना और बिजली चमकेगी। अन्य राज्यों में मौसम साफ रहने की उम्मीद है।
जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि बुधवार से प्रदेश में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इस प्रणाली का प्रभाव जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, जयपुर और भरतपुर संभागों में देखा जाएगा। जिन किसानों ने अपनी फसलों को इकट्ठा करके बगीचे में या बाहर सुखाया है, उनके लिए अब समय आ गया है कि वे अपनी फसलों को सुरक्षित, सूखे स्थान या सुरक्षित स्थान पर रखें। फसलों को बारिश से होने वाले नुकसान से बचाने के उपाय किए जाने चाहिए।
29 मार्च को पूर्वी राजस्थान के बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, जैसलमेर, नागौर, गंगानगर और जोधपुर के कुछ हिस्सों में बारिश, गरज और बिजली गिरने के भी आसार हैं. 30 मार्च को इस सिस्टम का असर गंगानगर, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर, हनुमानगढ़, टोंक, सीकर, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, अलवर और जयपुर में महसूस किया जाएगा. इन इलाकों में ओलावृष्टि और बारिश हो सकती है। लावा कोटा के कोटा, बारां, झालावाड़, चित्तौड़गढ़ और बूंदी संभाग के दूरस्थ इलाकों में भी बादल दिख सकते हैं.