ईरान और इजरायल के बीच छिड़ी जंग अब नौवें दिन में प्रवेश कर चुकी है और हालात लगातार गंभीर होते जा रहे हैं। दोनों देश एक-दूसरे के बड़े शहरों और रणनीतिक ठिकानों पर मिसाइल हमले कर रहे हैं। इजरायल की मुख्य कोशिश ईरान के न्यूक्लियर प्लांट्स, खासकर Fordow अंडरग्राउंड फैसिलिटी, को पूरी तरह तबाह करने की है। इस अभियान के लिए इजरायल ने अब अमेरिका से सैन्य सहयोग भी मांगा है।
अमेरिका की ‘सीमित समर्थन’ नीति
इस पूरे घटनाक्रम पर जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पूछा गया कि क्या अमेरिका इजरायल को सैन्य सहयोग देगा, तो उन्होंने दो टूक कहा, “यह अंतिम विकल्प होगा।” ट्रंप ने साफ किया कि इजरायल के पास Fordow जैसे अंडरग्राउंड न्यूक्लियर प्लांट को पूरी तरह खत्म करने की क्षमता नहीं है। उन्होंने कहा, “इजरायल थोड़े बहुत नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन अकेले दम पर उसे तबाह नहीं कर सकता।”
अमेरिका का खुफिया दावा – “ईरान के पास है न्यूक्लियर बम बनाने की पूरी क्षमता”
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने दावा किया है कि ईरान अब परमाणु हथियार बनाने के बेहद करीब पहुंच चुका है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि ईरान के पास न केवल आवश्यक सामग्री है बल्कि “सुप्रीम लीडर के आदेश के बाद वह कुछ हफ्तों में बम बना सकता है।” उनका यह बयान पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है, खासकर इजरायल और खाड़ी देशों के लिए।
ऑपरेशन ‘राइजिंग लॉयन’ के तहत शुरू हुआ हमला
इजरायल ने 12 जून को ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला शुरू किया था। इस सैन्य ऑपरेशन को “ऑपरेशन राइजिंग लॉयन” नाम दिया गया। इसके जवाब में ईरान ने तेल अवीव सहित कई इजरायली शहरों पर मिसाइलों की बारिश कर दी। इस हमले के बाद से पूरे पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर है।
भारत के लिए राहत – ईरान ने खोला एयरस्पेस
जंग के बीच एक सकारात्मक संकेत भारत के लिए भी आया है। ईरान ने भारत के लिए अपना एयरस्पेस खोल दिया है, जिससे वहां फंसे सैकड़ों भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी संभव हो पाई है। भारत सरकार ने इस फैसले का स्वागत करते हुए ईरानी प्रशासन का आभार जताया है।
निष्कर्ष: क्या होगा अगला कदम?
इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता यह टकराव अब परमाणु संघर्ष की ओर बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। जहां इजरायल अमेरिका की तरफ देख रहा है, वहीं अमेरिका फिलहाल सीमित सैन्य हस्तक्षेप की नीति अपनाए हुए है। क्या वॉशिंगटन दबाव में झुकेगा या यह जंग और विकराल रूप लेगी, इसका जवाब आने वाले कुछ दिन तय करेंगे।

Author: manoj Gurjar
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