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AI बना साइबर अपराधियों का नया हथियार, भारत में 10 में से 8 फ्रॉड में हो रहा उपयोग , 2.78 बिलियन डॉलर का नुकसान

photo credit unplash/@growtika

भारत भले ही डिजिटल युग में तेजी से तरक्की कर रहा हो, लेकिन इसी के साथ साइबर अपराध भी नए-नए रूपों में सामने आ रहे हैं। अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), जो एक ओर तकनीकी विकास का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर साइबर अपराधियों का सबसे खतरनाक हथियार बन चुका है। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में दर्ज किए गए हर 10 साइबर फ्रॉड में से 8 मामलों में AI का इस्तेमाल किया गया।

GIREM और Tekion की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर रिस्ट्रक्चरिंग एनवायरनमेंट एंड मैनेजमेंट (GIREM) और ऑटोमोटिव टेक कंपनी Tekion द्वारा तैयार की गई ‘The State of AI-Powered Cybercrime: Threat & Mitigation Report 2025’ रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में साइबर क्राइम का चेहरा बदल रहा है, और AI इसकी सबसे बड़ी वजह बनता जा रहा है। रिपोर्ट को कर्नाटक के डीजी एंड आईजीपी एम ए सलीम ने बेंगलुरु में पेश किया। इसमें यह बताया गया कि भारत में सिर्फ 2024 में 2.78 बिलियन डॉलर (लगभग 23,000 करोड़ रुपये) का नुकसान साइबर फ्रॉड के कारण हुआ है।

AI का इस्तेमाल कैसे हो रहा है साइबर फ्रॉड में?

रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर अपराधी अब फिशिंग ईमेल को और भी प्रभावी व विश्वसनीय बनाने के लिए AI टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं:

  • AI-जनरेटेड फेक ईमेल जो बड़े ब्रांड्स जैसे लगते हैं

  • डिजिटल डैशबोर्ड और वेबसाइट्स जो हूबहू असली जैसी होती हैं

  • फर्जी डोमेन रजिस्ट्रेशन, जिससे लोग धोखा खा जाते हैं

  • इंटरैक्टिव फिशिंग पेज, जिनके ज़रिए पासवर्ड व अन्य डाटा चुराया जाता है

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत में 80% फिशिंग मेल में AI का उपयोग हुआ है।

साइबर क्राइम में बेतहाशा वृद्धि

  • 2024 में 1.91 मिलियन से ज्यादा शिकायतें दर्ज

  • 2023 में यह आंकड़ा था 1.55 मिलियन, यानी सालभर में भारी बढ़ोतरी

  • 2019 की तुलना में 10 गुना अधिक शिकायतें दर्ज हुईं

  • सबसे ज़्यादा मामले फाइनेंशियल फ्रॉड के रहे

भारत बना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा क्रिप्टो अटैक टारगेट

रिपोर्ट के अनुसार:

  • क्रिप्टो अटैक के 95 मामले सामने आए

  • मैलवेयर अटैक में 11%, रैनसमवेयर में 22%, और IoT अटैक में 59% की सालाना बढ़ोतरी

  • क्रिप्टो अटैक में 409% की चौंकाने वाली वृद्धि

कमजोर वर्ग बन रहा है सबसे बड़ा शिकार

रिपोर्ट में यह भी चिंता जताई गई कि साइबर अपराधों का सबसे ज़्यादा शिकार वरिष्ठ नागरिक, महिलाएं, और बच्चे बन रहे हैं। तकनीकी समझ की कमी, डिजिटल सावधानी में लापरवाही, और भावनात्मक छल इन वर्गों को आसानी से लक्ष्य बना देता है।

इंटरनेट यूजर्स की तेजी से बढ़ती संख्या चिंता का विषय

भारत में 2025 तक 900 मिलियन से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स होने का अनुमान है। ऐसे में साइबर सुरक्षा को लेकर तैयार रहना सरकार, निजी कंपनियों और आम नागरिकों — सभी के लिए आवश्यक और अनिवार्य हो गया है।


क्या होनी चाहिए रणनीति?

विशेषज्ञों का मानना है कि:

  • AI आधारित डिटेक्शन सिस्टम को अपनाना होगा

  • जन-जागरूकता अभियान चलाने होंगे

  • साइबर लॉ और डेटा प्रोटेक्शन कानूनों को और मजबूत बनाना होगा

  • बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए विशेष साइबर सुरक्षा गाइडलाइन बनानी चाहिए


निष्कर्ष: AI भले ही तकनीक की क्रांति है, लेकिन यदि सही नियंत्रण और निगरानी नहीं रही, तो यह क्रांति एक डिजिटल आफत बन सकती है। भारत जैसे विशाल डिजिटल जनसंख्या वाले देश में अब साइबर सुरक्षा सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय बन चुकी है

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है। मनोज का उद्देश्य है कि हर पाठक को सरल भाषा में सटीक और विश्लेषणात्मक खबरें मिलें, जिससे वह अपनी राय बना सके। वे डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में लगातार नई तकनीकों और ट्रेंड्स को अपनाकर अपने लेखन को और प्रभावशाली बना रहे हैं।

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