गुरुग्राम में टेनिस प्लेयर राधिका यादव की हत्या के मामले में एक चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। 25 वर्षीय राधिका की हत्या के बाद उसका सोशल मीडिया, करियर और निजी जीवन सब कुछ सवालों के घेरे में है। NDTV ने राधिका की एक करीबी दोस्त से खास बातचीत की, जिसने इस मामले में कई अहम बातें साझा कीं।
राधिका की दोस्त ने NDTV से बात करते हुए बताया, “पिछले दिनों मैं कॉलेज से बाहर थी, तभी एक न्यूज ऐप पर राधिका की मौत की खबर देखी। मुझे यकीन नहीं हुआ कि ये वही राधिका है, जो मेरी दोस्त थी। लेकिन जब फोन आया और कंफर्म हुआ कि वही है, तो मैं सन्न रह गई। मुझे समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ।”
सोशल मीडिया पर राधिका के अकाउंट को लेकर फैल रही अफवाह
NDTV के सवाल पर कि राधिका ने इंस्टाग्राम अकाउंट डिलीट किया था या नहीं, उसकी दोस्त ने कहा, “ऐसा नहीं है कि उसने अकाउंट डिलीट किया था। उसका अकाउंट अभी भी इंस्टाग्राम पर है लेकिन अब प्राइवेट है। उसने सिर्फ प्रोफाइल फोटो हटा दी थी। पहले वो पब्लिक अकाउंट रखती थी, लेकिन कोचिंग शुरू करने के बाद उसने पोस्ट करना बंद कर दिया था।”
क्या राधिका के पिता ने उसे मारा?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या एक पिता, जो अपनी बेटी को किसी से धमकी मिलने पर गोली मारने की बात करता है, वही उसकी हत्या कर सकता है? इस पर उसकी दोस्त ने कहा, “जहां हम खेलते थे, वहां वो इकलौती महिला कोच थी। सबकी नज़रें उस पर होती थीं। उसने अपने पिता को ये बात बताई थी और पिता ने वहां जाकर कहा था कि अगर किसी ने मेरी बेटी को कुछ कहा तो गोली मार दूंगा। ऐसा पिता अपनी बेटी को कैसे मार सकता है?”
कोई लव एंगल नहीं, बस सपनों की तलाश में थी राधिका
फर्जी अफवाहों और “मुस्लिम एंगल” को पूरी तरह खारिज करते हुए उसकी दोस्त ने कहा, “वो किसी लड़के से बात नहीं कर रही थी। उसका फोकस सिर्फ कोचिंग और करियर पर था। वह एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर बनना चाहती थी। बस मेकअप करना और नॉर्मल दोस्तों से मिलना उसे पसंद था। इसमें गलत क्या था?”
घर में थी पाबंदियां, लेकिन प्यार भी था
जब NDTV ने पूछा कि क्या राधिका को घर में पाबंदियों का सामना करना पड़ता था, तो जवाब मिला, “हां, पाबंदियां थीं। लेकिन वो अपने मां-बाप से बहुत प्यार करती थी। उसने कभी यह नहीं कहा कि घर में दम घुटता है। उसका सपना था कि ऑस्ट्रेलिया जाकर ट्रेनिंग और पढ़ाई करे। जनवरी में चीन जाने का प्लान भी कैंसिल हुआ था, शायद सपोर्ट नहीं मिला होगा।”
हत्या से पहले की आखिरी बातचीत
राधिका की दोस्त ने बताया, “हम रोज स्नैपचैट पर एक-दूसरे से बात करते थे। हत्या से एक दिन पहले उसने सिर्फ एक ब्लैक स्नैप भेजी, जो उसने पहले कभी नहीं भेजी थी। मैंने वो स्नैप तब देखी जब मुझे उसकी मौत की खबर मिली, क्योंकि उस दिन मेरे एग्ज़ाम थे। उस स्नैप का मतलब था कि वो या तो घर से बाहर नहीं गई या कोर्ट नहीं पहुंची।”
समाज का दबाव और भीतर छुपा संघर्ष
राधिका की दोस्त के अनुसार, “एक बार उसे ट्रेनर ने बताया कि छोटी ड्रेस पहनने पर पड़ोसी लोग उसे टोकते हैं। वो बात अपनी फीमेल कोच से शेयर करती थी, जिन्होंने उसका हौसला बढ़ाया।”
राधिका यादव की मौत पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या ये ऑनर किलिंग थी? क्या करियर और आज़ादी की कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी? NDTV इस केस की हर परत खोलने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अब एक बात तो साफ है—राधिका अब नहीं है, लेकिन उसके सपने और सवाल आज भी ज़िंदा हैं।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है। मनोज का उद्देश्य है कि हर पाठक को सरल भाषा में सटीक और विश्लेषणात्मक खबरें मिलें, जिससे वह अपनी राय बना सके। वे डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में लगातार नई तकनीकों और ट्रेंड्स को अपनाकर अपने लेखन को और प्रभावशाली बना रहे हैं।