नागौर | 16 जुलाई 2025 राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में मंगलवार को नागौर के पशु प्रदर्शनी स्थल पर एक विशाल जन आक्रोश रैली का आयोजन किया गया। रैली में भारी जनसैलाब उमड़ा, जिसमें हजारों की संख्या में समर्थक वाटरप्रूफ पंडाल में जुटे। मंच पर पूर्व विधायक इंदिरा बावरी, नारायण बेनीवाल, कनिका बेनीवाल सहित RLP के कई नेता मौजूद रहे।
बेनीवाल ने सरकार को दी चेतावनी
रैली को संबोधित करते हुए हनुमान बेनीवाल ने कई जनहित मुद्दों पर सरकार को घेरा और अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा कर दी। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा,“अगर डेढ़ घंटे में हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो हम धारा 163 को फाड़ देंगे।” उन्होंने जनता से एकजुट होकर संघर्ष का आह्वान किया और कहा कि RLP जनहित के हर मुद्दे पर सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेगी।
भाजपा नेताओं पर लगाए गंभीर आरोप
बेनीवाल ने भाजपा नेताओं पर बजरी खनन में 2% से 10% तक कमीशनखोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि बड़े नेताओं की इसमें सीधी भागीदारी है। उन्होंने कहा,“खींवसर विधायक जैसे चोर-लुच्चे ज्यादा दिन मेरे साथ नहीं टिकते। हारे का सहारा हनुमान बेनीवाल है।” इसके अलावा, पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल ने नागौर के पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि टोगस ने 1996 में पाली ज़िले के पाळूं गांव में शिक्षक रहते हुए गणतंत्र दिवस पर अश्लील गाने चलवाए थे, और बाद में RPS बनने के बाद इस मामले को दबा दिया। प्रशासन की तरफ से धारा 163 के तहत कलेक्ट्रेट, रेलवे तिराहा, कोर्ट परिसर, सर्किट हाउस तक निषेधाज्ञा लागू की गई है। सुरक्षा व्यवस्था के तहत पंडाल से कलेक्ट्रेट तक CCTV कैमरे भी लगाए गए।
जन आक्रोश रैली की प्रमुख मांगें:
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मेड़ता-पुष्कर रेलवे लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण में कम मुआवजे और मनमाने तरीके से ज़मीन लेने पर विरोध।
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थार एक्सप्रेसवे के गलत सर्वे और किसानों के हितों की अनदेखी।
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नागौर की बिगड़ती कानून व्यवस्था और बजरी माफियाओं का आतंक।
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JSW, अंबुजा, जेके लक्ष्मी सीमेंट और सोलर कंपनियों की मनमानी और स्थानीय लोगों की उपेक्षा।
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में समय पर क्लेम नहीं मिलना और बीमा कंपनियों का दलाल-माफिया गठजोड़।
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पशु मेलों में विक्रय किए गए पशुओं के परिवहन में बाधाएं।
विपक्ष की आवाज या जनविद्रोह का संकेत?
हनुमान बेनीवाल की यह रैली ना सिर्फ़ RLP के शक्ति प्रदर्शन का मंच बनी, बल्कि राज्य सरकार और प्रशासन के लिए एक राजनीतिक चेतावनी भी साबित हुई। उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि अगर जनहित की मांगें पूरी नहीं होतीं, तो RLP राज्य भर में आंदोलन तेज़ करेगी। रैली के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। हालांकि, प्रशासन की ओर से अभी तक बेनीवाल की मांगों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।