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राजस्थान की सरहद बनी ड्रग माफिया का अड्डा, 60 किलो हेरोइन बरामद

बाड़मेर। भारत-पाकिस्तान सीमा से लगे राजस्थान के रेतीले इलाकों में अब ड्रग तस्करी का नया इंटरनेशनल नेटवर्क सक्रिय हो चुका है। पंजाब, पाकिस्तान और कनाडा में बैठे तस्करों की तिकड़ी ने बाड़मेर बॉर्डर को नशे के कारोबार का अड्डा बना लिया है। साल 2025 में अब तक हथियारों और ड्रग्स की दो बड़ी खेप पकड़ी जा चुकी हैं। जनवरी में हथियार बरामद हुए थे, जबकि जून में 60 किलो हेरोइन की बड़ी खेप मिली। जांच में खुलासा हुआ है कि इस रैकेट की कड़ियां पंजाब और कनाडा से सीधे जुड़ी हुई हैं।

पाकिस्तान बना अफगान हेरोइन का ट्रांजिट हब

एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार पकड़ी गई हेरोइन अफगानिस्तान में तैयार होती है और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की मदद से भारतीय सीमा तक पहुंचती है। पाकिस्तान के तस्कर इसे बीकानेर-जैसलमेर-बाड़मेर सेक्टर में डंप करते हैं, जहां से यह पंजाब के रास्ते देशभर में फैलाई जाती है।

30 साल में 249 किलो हेरोइन बरामद

1995 से अब तक बाड़मेर-जैसलमेर सेक्टर से 249 किलो हेरोइन जब्त की जा चुकी है। कंटीली तारबंदी, सीसीटीवी कैमरों और सुरक्षा इंतजामों के बावजूद ड्रग माफिया लगातार नई चालें चल रहे हैं। जनवरी 2025 में भभूते की ढाणी के पास रेत में चार पिस्टल, आठ मैगजीन और 78 कारतूस बरामद हुए थे। वहीं, 19 जून को पंजाब पुलिस ने बाड़मेर बॉर्डर के पास से 60 किलो हेरोइन पकड़ी।

कनाडा से जुड़ा नेटवर्क

जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि भारत में भेजी जाने वाली हेरोइन की खेप का संचालन कनाडा से बैठे ड्रग माफिया कर रहे हैं। हाल ही में पंजाब पुलिस द्वारा पकड़ी गई खेप पाकिस्तान के तनवीर शाह और कनाडा के जोबन कालेर के नेटवर्क से जुड़ी थी। यह खेप पंजाब के गुरसाहिब सिंह तक पहुंचनी थी, जो जेल में रहते हुए भी तस्करों के संपर्क में था।

भौगोलिक परिस्थितियां भी चुनौती

विशेषज्ञों का मानना है कि बाड़मेर बॉर्डर पर तस्करी की बड़ी वजह यहां की भौगोलिक परिस्थितियां हैं। रेतीले धोरे और नजदीक बसी ढाणियां तस्करों को मदद करती हैं। रिटायर्ड एएसपी ओमप्रकाश उज्ज्वल ने बताया, “तारबंदी से पहले यहां बड़े पैमाने पर तस्करी होती थी। उस दौर के तस्कर आज भी जिंदा हैं और नए लोगों को लालच देकर नेटवर्क में जोड़ रहे हैं। मैंने अपने कार्यकाल में कई ऑपरेशन किए, जिनमें पंजाब और पाकिस्तान तस्करों का गठजोड़ साफ सामने आया। सीमा पर नफरी और निगरानी बढ़ाने की सख्त जरूरत है।”

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।

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