New Delhi: पिछला हफ्ता भारतीय शेयर बाजार के लिए साल के सबसे खराब हफ्तों में से एक रहा। कई कंपनियों के शेयर गिरे, निवेशकों के हजारों रुपए डूबे आज सुबह बाजार खुला तो सेंसेक्स में गिरावट का आभास हुआ। कारोबार की शुरुआत में बीएसई सेंसेक्स 544.73 अंक नीचे था, लेकिन बंद होने पर सेंसेक्स में मजबूती आई और यह 169 अंक बढ़कर 59,500 पर पहुंच गया। निफ्टी में भी सुधार हुआ, यह 40 अंक की तेजी के साथ 18,572 तक पहुंचने में कामयाब रहा।
पिछले सप्ताह सेंसेक्स की 10 में से सात कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (बाजार पूंजीकरण) सामूहिक रूप से 2,16,092.54 करोड़ रुपये बढ़ा। सबसे ज्यादा नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को हुआ है। पिछले हफ्ते, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,290.87 अंक या 2.12% गिर गया। इनके अलावा प्रमुख बाजारों एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी और भारती एयरटेल में भी गिरावट रही।
दूसरी ओर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), हिंदुस्तान यूनिलीवर और ITC के बाजार मूल्य में वृद्धि हुई। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज की नेटवर्थ 71,003.2 करोड़ रुपये से घटकर 15,81,601.11 करोड़ रुपये रह गई। सबसे ज्यादा नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज को हुआ। एसबीआई का बाजार पूंजीकरण 46,318.73 करोड़ रुपये से घटकर 4,82,107.53 करोड़ रुपये रह गया। आईसीआईसीआई बैंक का बाजार पूंजीकरण 36,836.03 करोड़ रुपये से घटकर 5,70,509.34 करोड़ रुपये रह गया। एचडीएफसी बैंक का एम-कैप 24,899.93 करोड़ रुपये से घटकर 9,01,287.61 करोड़ रुपये और भारती एयरटेल का एम-कैप 23,747.55 रुपये से घटकर 4,31,583.22 करोड़ रुपये रह गया।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अडानी समूह की प्रतिक्रिया का समूह के शेयरों और बाजारों पर मिलाजुला प्रभाव पड़ा है। इससे जुड़े घटनाक्रमों का असर भविष्य में देखा जा सकता है, क्योंकि इससे जुड़ा जोखिम निवेशकों के मन में बना रहेगा। इस बात की बहुत कम उम्मीद है कि जल्द ही अन्य स्वतंत्र या सरकारी स्रोतों से वैज्ञानिक शोध रिपोर्टें आएंगी। अब से बाजार का ध्यान बजट और फेड की नीति पर रहेगा।