नई दिल्ली: दूरसंचार विभाग (DoT) ने रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया (Vi) सहित सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों को निर्देश दिए हैं कि वे अगले तीन महीनों तक रोजाना 8-10 बार साइबर क्राइम जागरूकता से जुड़ी कॉलर ट्यून चलाएं। यह पहल इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेंटर (I4C) द्वारा शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य साइबर धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं को रोकना और जनता को सतर्क करना है।
क्या है इस पहल का मकसद?
DoT के अनुसार, साइबर अपराध में वृद्धि के मद्देनजर, यह कदम लोगों को “डिजिटल अरेस्ट” जैसे घोटालों के बारे में जागरूक करने के लिए उठाया गया है। इन घोटालों में ठग खुद को सरकारी अधिकारी बताकर पैसे ठगने की कोशिश करते हैं। नई कॉलर ट्यून इन खतरों के बारे में चेतावनी देती है और जनता को सतर्क रहने की सलाह देती है।
कॉलर ट्यून का कंटेंट और अपडेट
प्रत्येक कॉल से पहले सुनाई जाने वाली ये कॉलर ट्यून हर हफ्ते अपडेट की जाएगी। TOI के अनुसार, इस मैसेज की शुरुआत कुछ इस तरह होती है:
“सावधान, अगर आपको अनजाने नंबर से पुलिस, जज या सीबीआई के कॉल आते हैं…” सरकार का उद्देश्य इस पहल के जरिए लोगों को धोखाधड़ी वाले कॉल और संदेशों से सतर्क करना है।
सख्त कार्रवाई और नए सिस्टम की शुरुआत
हाल ही में सरकार ने फ्रॉड वाले सिम कार्ड और मोबाइल डिवाइस पर कार्रवाई तेज की है। 15 नवंबर तक, पुलिस द्वारा रिपोर्ट किए गए 6.69 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1.32 लाख IMEI (इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी) को ब्लॉक किया जा चुका है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय कॉलों को ट्रैक और ब्लॉक करने के लिए एक नया सिस्टम लागू किया जा रहा है, जिससे भारतीय नंबरों का रूप धारण करने वाले कॉल्स की पहचान कर उन्हें रोका जा सके।
तीन महीने की अवधि में बड़ा असर
DoT का कहना है कि तीन महीने की इस जागरूकता पहल के तहत हर हफ्ते नई कॉलर ट्यून सुनाई जाएगी। इस पहल का उद्देश्य जनता को साइबर खतरों के प्रति जागरूक करना और डिजिटल सुरक्षा को बढ़ावा देना है।