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प्रजापिता ब्रह्मकुमारी बहनों ने केदियों के बांधी राखियां, राखियां बंधवाकर केदियों ने जुर्म छोड़ने का किया वादा

बूंदी 28,अगस्त। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय ब्रह्माकुमारी केंद्र के तत्वावधान में सोमवार को तालाब गांव स्थित जिला कारागार में रक्षाबंधन के पर्व को भी कैदी भाइयों को राखी बांध रक्षाबंधन का पर्व धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

इस अवसर पर राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी गीता दीदी के साथ-साथ अनेक बहनों ने राखियां बांधकर जुर्म छोड़कर परोपकार के कार्य करने सहित सदेव सदमार्ग पर चलने का वचन लिया। जिला जेल उपाधीक्षक निरंजन शर्मा सहित समस्त स्टाफ को भी राखी बांधकर मुख मीठा कराया एवं जैल उपाधीक्षक निरंजन शर्मा ने आभार व्यक्त करते हुए सभी को रक्षाबंधन के त्यौहार की बधाई थी। उन्होंने कहा कि इस पवित्र दिन पर हम जो भी शुभ संकल्प के साथ बुराई का त्याग करने का वचन देते हैं वह निश्चित रूप से पूरा होता है आप सभी इस राखी बंधवाकर अपने जीवन में पुण्य को उदय कर सकते हैं।

गीता दीदी ने कहा कि भारत का यह त्योहार विश्व भर में अपनी प्रकार का एक अनूठा ही त्योहार है। भाई को स्नेह के सूत्र में बांधने वाली यह एक बहुत ही मर्मस्पर्शी और भावभीनी भस्म है। यह त्यौहार बहन और भाई के पारस्परिक स्नेह और सम्बन्ध के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इस दिन बहनें भाई को राखी बांधती है और उनका मुख मीठा कराती है। कैसी है भारत की यह अद्भुत परम्परा कि भाई अपने हृदय में अपनी बहन के प्रति स्नेह-समुद्र को बटोरे हुए सहर्ष ही इसे स्वीकार कर लेता है।

रक्षा बंधन को ‘विष तोड़क पर्व’ ‘पुण्य प्रदायक’ पर्व भी कहा जाता है, जो इसके अन्य- अन्य नाम हैं उससे यह सिद्ध होता है कि यह त्योहार रक्षा करने, पुण्य करने और विषय-विकारों की आदत को तोड़ने की प्रेरणा देने वाला त्योहार है।

इस दौरान ब्रह्माकुमारी आशा बहन, ब्रह्माकुमारी ईशा बहन, आशा दाधीच, ब्रह्माकुमार खुशराज, ब्रह्माकुमारी कृष्णा मौजूद रहे।

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