अजमेर। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की पालना में अजमेर विकास प्राधिकरण (एडीए) ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत करोड़ों की लागत से बने सात अजूबों को हटाने की कार्रवाई शनिवार को भी जारी रखी। इस दौरान झील किनारे बने एफिल टावर और गीजा के पिरामिड के हिस्सों को तोड़ा गया। साथ ही कोलोसियम और अन्य अवैध निर्माणों के मलबे को हटाने के लिए डंपरों की तैनाती की गई।
सुबह सात बजे से ही पांच जेसीबी, ट्रैक्टर-जनरेटर, सिलेंडर और क्रेन के साथ एडीए की टीम सात अजूबों के उद्यान पहुंची। करीब 50 से अधिक मजदूरों ने पिरामिड और पीसा की झुकी मीनार को हटाने का काम शुरू किया। सात से आठ घंटे की मशक्कत के बाद दोनों अजूबों के बड़े हिस्सों को सफलतापूर्वक हटा दिया गया।
एफिल टावर को हटाने का काम सबसे चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। करीब 10 हजार टन लोहे के ढांचे को एक-एक हिस्से में काटकर 50 टन की क्रेन से नीचे उतारा गया। शाम तक मजदूर और अधिकारी लगातार इस कार्य में जुटे रहे, जबकि सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा।
इस बीच, ताजमहल को हटाने को लेकर अधिकारियों में लंबी चर्चा हुई। निर्णय लिया गया कि इसे हथौड़ों से तोड़ने के बजाय पूरे ढांचे को सुरक्षित तरीके से उठाया जाएगा। इसके लिए नींव के चारों ओर जैक लगाने की तैयारी की जा रही है। मजदूरों को विशेष हिदायत दी गई है कि ताजमहल को बिना किसी क्षति के हटाया जाए।
गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से शीर्ष अदालत में हलफनामा दिया गया है कि 17 सितंबर तक सात अजूबों के उद्यान को पूरी तरह हटाने की कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।