बिहार की राजनीति में एक बार फिर दिलचस्प मोड़ देखने को मिला है। राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करने वाले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान अब पीछे हटते नजर आ रहे हैं। चिराग ने अपने हालिया बयान में साफ किया है कि एनडीए गठबंधन पूरी तरह एकजुट है और आगामी चुनावों के बाद नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे।
दो दिन पहले ही चिराग पासवान ने बिहार में अपराध बढ़ने को लेकर नीतीश सरकार की आलोचना की थी और समर्थन देने पर अफसोस भी जताया था। इस बयान के बाद विपक्ष को मौका मिल गया था और गठबंधन में फूट के कयास तेज हो गए थे। लेकिन अब चिराग ने इन अटकलों को पूरी तरह खारिज कर दिया है।
“मेरी चिंता को बगावत समझा गया” – चिराग पासवान
हाजीपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए चिराग ने कहा, “मेरे बयान में बगावत नहीं बल्कि बिहार की चिंता थी। कुछ लोग इसे राजनीतिक रंग देकर एनडीए को कमजोर करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिलेगी। हम सब चट्टानी एकता के साथ एकजुट हैं।”nउन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार में कोई मुद्दा है, तो सभी साथी मिलकर उसका समाधान निकालते हैं।
नीतीश पर फिर भरोसा, विपक्ष पर हमला
चिराग ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “विपक्ष चाहता है कि एनडीए में फूट पड़े और किसी सहयोगी के अलग होने से उन्हें फायदा हो, लेकिन यह सिर्फ उनका भ्रम है। एनडीए बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है और अगली बार भी वही मुख्यमंत्री बनेंगे।” चिराग ने अपने पहले दिए गए बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनकी चिंता बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर थी, लेकिन इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।
डैमेज कंट्रोल के प्रयास में चिराग
अपनी पार्टी और गठबंधन में उठे विवादों को शांत करते हुए चिराग पासवान ने हम नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को ‘अनुभवी नेता और संरक्षक’ बताया। मांझी ने चिराग के पुराने बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें ‘कम अनुभवी’ बताया था और नीतीश कुमार के नेतृत्व की तारीफ की थी। अब चिराग ने कहा, “मांझी जी मुझसे वरिष्ठ हैं और उनके अनुभव से मैं सीखता हूं। वह हमारे गार्जियन की तरह हैं।”
राजनीति या रणनीति?
बिहार की सियासत में चिराग पासवान का यह पलटवार सिर्फ डैमेज कंट्रोल है या फिर एक रणनीतिक कदम, इसे लेकर चर्चाएं जारी हैं। एक ओर जहां विपक्ष इसे राजनीतिक भ्रम और दबाव का नतीजा बता रहा है, वहीं एनडीए समर्थकों को राहत मिली है कि सहयोगी दलों में एकता बनी हुई है।
फिलहाल यह स्पष्ट हो गया है कि चिराग पासवान ने न केवल अपने तेवर नरम किए हैं, बल्कि नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की प्रतिबद्धता भी दोहराई है। अब देखना यह होगा कि यह एकता चुनाव तक कायम रह पाती है या फिर राजनीतिक बयानबाजी का अगला दौर कब शुरू होता है।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।