लंदन की पहली उड़ान, एक बेटी की मुस्कान, और पिता की आंखों में सपनों की चमक… मगर कुछ ही घंटों में वह खुशी दर्दनाक हादसे में तब्दील हो गई। अहमदाबाद विमान हादसे में बालोतरा जिले के अराबा दुदावता गांव की खुशबू कंवर राजपुरोहित की मौत हो गई। यह खबर जैसे ही उसके पीहर और ससुराल तक पहुंची, पूरे इलाके में मातम पसर गया।
खुशबू के पिता मदनसिंह और चचेरे भाई उसे अहमदाबाद एयरपोर्ट तक छोड़ने आए थे। तस्वीरों में मुस्कराती हुई खुशबू, विदेश की उड़ान भरने जा रही थी। लंदन में सरकारी अस्पताल में कार्यरत अपने पति से मिलने के लिए यह उसकी पहली विदेश यात्रा थी। लेकिन किसे पता था कि यह विदाई, अंतिम विदाई बन जाएगी।
DNA टेस्ट के बाद सौंपा जाएगा शव
खुशबू के शव की पहचान अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज में आज उनका और परिजनों का डीएनए टेस्ट किया जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद ही शव को परिजनों को सौंपा जाएगा।
पीहर और ससुराल में मातम
खुशबू की ससुराल जोधपुर जिले के खाराबेरा गांव में है। उनके जेठ शक्ति सिंह ने बताया कि खुशबू का पति लंदन में सरकारी अस्पताल में डॉक्टर है और वह उसी से मिलने जा रही थी। हादसे की खबर से ससुराल में सन्नाटा छा गया है। शक्ति सिंह ने बताया कि परिवार के सभी सदस्य अहमदाबाद पहुंच चुके हैं।
हादसे की खबर सुनते ही लौटे पिता
खुशबू को एयरपोर्ट पर छोड़ने के बाद जब पिता मदनसिंह और भाई मेहसाणा के पास पहुंचे, तभी उन्हें विमान दुर्घटना की सूचना मिली। इस खबर से दोनों स्तब्ध रह गए। वे तुरंत वापस अहमदाबाद लौटे। अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर और वार्डों में दिनभर खुशबू को ढूंढते रहे, लेकिन उन्हें अपनी बेटी का चेहरा देखने तक का अवसर नहीं मिला।
न टूटता तो बस कुछ घंटों में मिल जाती मंज़िल
विदेश यात्रा के सपने लिए निकली खुशबू का सफर बहुत जल्दी थम गया। यह हादसा केवल एक जान नहीं ले गया, बल्कि एक परिवार की उम्मीदें, सपने और भविष्य को भी अपने साथ ले गया। आज पूरा अराबा गांव, खाराबेरा गांव और जोधपुर शहर शोक में डूबा हुआ है।
