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पशु परिचर भर्ती परीक्षा 2024: परिणामों पर विवाद गहराया, हाईकोर्ट में याचिका दायर

जयपुर, 19 अप्रैल 2025 — राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित पशु परिचर भर्ती परीक्षा 2024 के परिणामों को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। 300 से अधिक अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ में याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता हरेन्द्र नील पैरवी करेंगे।

चार अहम बिंदुओं पर उठाए गए सवाल

याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा प्रक्रिया में चार प्रमुख बिंदुओं को चुनौती दी है:

  1. विवादित स्केलिंग फॉर्मूला – याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि बोर्ड द्वारा अपनाया गया स्केलिंग फॉर्मूला सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले ही असंवैधानिक करार दिया जा चुका है। उनके अनुसार, जब परीक्षा कई शिफ्टों में होती है तो ‘ईक्वल परसेंटाइल (Equal Percentile)’ फार्मूला ही मान्य होता है।

  2. कटऑफ के बिना दस्तावेज सत्यापन सूची – बिना कोई स्पष्ट कटऑफ अंक जारी किए सीधे दस्तावेज सत्यापन के लिए सूची जारी करना, पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

  3. स्कोर कार्ड जारी न करना – बोर्ड ने अभी तक अभ्यर्थियों को उनके स्कोर कार्ड उपलब्ध नहीं कराए, जिससे वे अपना प्रदर्शन जांचने में असमर्थ हैं।

  4. फाइनल आंसर की के बिना चयन सूची जारी – बिना अंतिम उत्तर कुंजी (फाइनल आंसर की) जारी किए ही चयन सूची जारी करना, याचिकाकर्ताओं के अनुसार प्रक्रिया की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाता है।

शिफ्टों में भारी असमानता का आरोप

यह परीक्षा 1 से 3 दिसंबर 2024 के बीच छह शिफ्टों में आयोजित की गई थी। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि टॉप 100 में 99 उम्मीदवार केवल छठी शिफ्ट से हैं। इसके अलावा टॉप 500 में 432 और टॉप 1000 में 733 उम्मीदवार छठी शिफ्ट से चयनित हुए हैं, जबकि पहली और चौथी शिफ्ट से कोई भी अभ्यर्थी टॉप रैंक में नहीं है। इससे स्पष्ट होता है कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं रही।

नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले को लेकर सबसे बड़ा विवाद

अभ्यर्थियों का कहना है कि कुछ शिफ्ट्स के अंकों में 20-25 अंकों तक की वृद्धि, जबकि अन्य में 10-20 अंकों की कटौती की गई। इससे कई मेधावी छात्र मेरिट से बाहर हो गए, जबकि अपेक्षाकृत कम अंक लाने वाले उम्मीदवार चयन सूची में ऊपर आ गए।

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन को लेकर भी नाराजगी

शुरुआत में 63 गुना उम्मीदवारों को मेरिट में शामिल किया गया था, लेकिन अब केवल 1.25 गुना अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया है। इससे लगभग 4 लाख से अधिक उम्मीदवारों को नुकसान हुआ है।

भर्ती परीक्षा का आंकड़ा

इस भर्ती प्रक्रिया के लिए कुल 17.63 लाख आवेदन आए थे, जिनमें से 10.5 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए। परीक्षा परिणाम के अनुसार, 406826 अभ्यर्थियों को मेरिट सूची में शामिल किया गया, जिनमें 383196 नॉन-टीएसपी और 23630 टीएसपी क्षेत्र से हैं। अब सभी की निगाहें जोधपुर हाईकोर्ट पर टिकी हैं, जहां अगली सुनवाई में यह तय होगा कि इस भर्ती प्रक्रिया में की गई कार्रवाइयों पर क्या फैसला आता है।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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