-स्थानीय निधि एवं अंकेक्षण विभाग की संभागीय प्रशासनिक समिति की बैठक
कोटा 18 सितम्बर। स्थानीय निधि एवं अंकेक्षण विभाग की संभागीय प्रशासनिक समिति की वित्तीय वर्ष की द्वितीय त्रैमासिक बैठक का आयोजन संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता सोमवार को सीएडी सभागार में किया गया। संभागीय आयुक्त ने बैठक में संभाग के चारों जिलों में विभिन्न विभागों में लम्बित ऑडिट आक्षेप, ऑडिट रिपोर्ट, गबन इत्यादि प्रकरणों की विस्तार से समीक्षा कर निर्देश दिये कि इन प्रकरणों का निस्तारण प्राथमिकता से किया जाये। समय सीमा निर्धारित कर प्रकरणों का निस्तारण करें। कार्यवाही नहीं होने पर संबंधित अधिकारी की लापरवाही व उदासीनता समझी जायेगी तथा जवाबदेही तय की जायेगी।
संभागीय आयुक्त ने कहा कि विभागों में ऑडिट रिपोर्ट एंव आक्षेपों को गंभीरता से नही लिया जा रहा, यह चिंताजनक है। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रत्येक विभाग प्रकरणों के आंशिक एवं पूर्ण निस्तारण की समय-सीमा तय करें। विभागीय बैठके कर संभागीय कार्यालय से समन्वय करते हुए प्रकरणों का निस्तारण करें। उन्हांेने निर्देश दिये कि संभागीय कार्यालय द्वारा जिलावार विभागवार केम्प लगाये जाये ताकि प्रकरणों को समयबद्ध निस्तारण हो सके। अतिरिक्त निदेशक को निर्देश दिये कि उक्त शिविरों की रूपरेखा तैयार कर कलैण्डर जारी किया जाये।
गबन प्रकरणों की समीक्षा करते हुए संभागीय आयुक्त ने निर्देश दिये कि 50 हजार से अधिक राशि के गबन वाले प्रकरणों की सूची बनाकर राजकीय धन की वसूली की कार्यवाही प्राथमिकता से करें। इन प्रकरणों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे। विभागीय स्तर पर उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाने, मार्गदर्शन लेने, एफआईआर दर्ज कराने, विभागीय जांच इत्यादि की कार्यवाही समय रहते सुनिश्चित करें। बैठक में अतिरिक्त निदेशक डॉ. विधि शर्मा ने विभिन्न विभागों में लंबित प्रकरणों की विस्तार से जानकारी देते हुए आवश्यक निर्देश दिये। बैठक में कोटा, बूंदी, बारां एवं झालावाड जिलों के विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।