हाल ही में बिहार सरकार ने राज्य की जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी किये. इस खबर पर देश भर में मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ हुईं। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव से पहले आंकड़े जारी होने के साथ ही देशभर में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में जातिगत जनगणना कराने का भी वादा किया. मंत्री अशोक गहलोत के बयान पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
जैसलमेर से बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राजस्थान में जाति जनगणना को लेकर सीएम अशोक गहलोत पर निशान साधते हुए कहा, ”वह चुनाव से दो महीने पहले जाति जनगणना की बात कर रहे हैं.” उन्होंने बिहार जातिगत जनगणना पर सवाल खड़े करते हुए कहा, ”बिहार से अब वीडियो आ रहे हैं कि वे हमारे घर तो आए नहीं हैं और न हीं हम लोगों से इसको लेकर कोई बात की गई. इस तरह ही अनेक वीडियो सामने आने लगी हैं.”
पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने अशोक गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा कि जातिगत जनगणना के नाम पर सिर्फ कागजी कार्रवाई हुई. उन्होंने आगे कहा, “बिहार में कागजी कार्रवाई के नाम पर जो मूर्ख बनाने का काम किया गया, क्या सीएम अशोक गहलोत राजस्थान में करना चाहते हैं?” सरकार के मंशा पर सवाल खड़े करते हुए राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा, ”वह राज्यस्थान के अंदर जातिगत जनगणना कब तक करेंगे, जबकि कुछ ही दिनों में आचार संहिता लगने वाली है.” उन्होंने सीएम अशोक गहलोत पर तंज कसते हुए कहा, ”ये सिर्फ चुनावी घोषणा है, ऐसे में उनका नाम कर देना चाहिए घोषणा वीर मुख्यमंत्री. क्योंकि उन्होंने कोई काम नहीं किया सिर्फ कुर्सी बचाने के लिए घोषणा कर रहे है.”
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