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भीलवाड़ा में पिछले 30 सालों से बदहाल सड़क के निमार्ण को लेकर ग्रामीणों ने खोला मोर्चा, कहा- सड़क नहीं तो वोट नहीं

राजस्थान के भीलवाड़ा के आसींद ग्राम पंचायत क्षेत्र में 30 साल से खराब हालत में बनी सड़क के निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया. निवासियों ने विरोध करना शुरू कर दिया, ग्रामीणों ने गांव के मुख्य मार्ग के बाहर बोर्ड लगाकर “सड़क नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ विरोध शुरू कर दिया है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक दौलतगढ़ जंक्शन से आसींद महाराजपुरा को जोड़ने वाली करीब 9 किमी सड़क की मरम्मत नहीं हो जाती, तब तक किसी को भी गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा.

दरअसल, गांव के लोगों की मानें तो इस सड़क की हालत सुधारने के लिए हम कई बार आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नजर नहीं आया. कोरोना वायरस के बाद से अब तक इस सड़क पर सैकड़ों लोग दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं, लेकिन सरकारी अधिकारियों की लापरवाही के कारण इस सड़क पर कोई मरम्मत कार्य नहीं किया गया है और न ही मरम्मत का प्रयास किया गया है. आज हर तरफ से निराशा के बाद आखिरकार गांव के लोगों ने फैसला लिया और गांव के बाहर एक बोर्ड लगा दिया. साथ ही इस बोर्ड के जरिए प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों को चेतावनी दी है कि, सड़क नही तो वोट नहीं और गांव में प्रत्याशियों का आना भी मना है.

दौलतगढ़ गांव निवासी मुबारिक हुसैन ने कहा कि 30 साल में इस सड़क की हालत नहीं बदली है. कांग्रेस और भाजपा 30 साल से सत्ता में हैं, लेकिन किसी ने भी इस राह पर कदम नहीं उठाया। अब से, सबसे महत्वपूर्ण बात निवासियों का निर्णय होगा। दौलतगढ़ निवासी राजेश सिंह ने कहा कि सड़क बनाने का आदेश तो दे दिया गया है, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया है. ऐसे में अब प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लग गई.

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