ढाका/नई दिल्ली: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक ने हाल ही में बांग्लादेश की राजधानी ढाका का दौरा किया। यह दौरा भारत के लिए एक नई सुरक्षा चुनौती का संकेत देता है, क्योंकि इसके पीछे खुफिया नेटवर्क और रणनीतिक योजनाएं बनाने की आशंका जताई जा रही है।
हाइलाइट्स:
- आईएसआई चीफ ने बांग्लादेश सेना के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की।
- भारत के खिलाफ खुफिया जानकारी साझा करने के लिए नेटवर्क बनाने की चर्चा।
- बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य संबंध भारत के लिए चिंता का विषय।
ढाका में ISI चीफ का स्वागत
मंगलवार को आईएसआई प्रमुख असीम मलिक दुबई के रास्ते ढाका पहुंचे। बांग्लादेश सेना के क्वार्टर मास्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान ने उनका स्वागत किया।
सूत्रों के मुताबिक, रहमान का इस्लामवादियों और पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंध है।
भारत के खिलाफ साजिश की आशंका
जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि इस बैठक का उद्देश्य भारत के खिलाफ खुफिया नेटवर्क को मजबूत करना है।
- सीमावर्ती इलाकों में हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा देना।
- भारत के पूर्वोत्तर और पूर्वी इलाकों में अशांति फैलाने की योजना।
इससे पहले, बांग्लादेश के एक उच्च स्तरीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल ने इस्लामाबाद का दौरा किया था, जहां उन्होंने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर और अन्य शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की।
बांग्लादेश-पाकिस्तान के बढ़ते संबंध
बांग्लादेश के सशस्त्र बल के प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल कमरुल हसन ने पाकिस्तान का दौरा किया, जो पिछले कई वर्षों में इस स्तर का पहला दौरा था।
- कमरुल हसन बांग्लादेश सेना में दूसरे सबसे बड़े अधिकारी हैं।
- उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों में बढ़ते कदम का प्रतीक है।
सूत्र बताते हैं कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से पाकिस्तान और बांग्लादेश की सेनाओं के बीच बैठकों और संबंधों में बढ़ोतरी हुई है।
भारत के लिए क्या है खतरा?
- सीमा पर हिंसा: सीमावर्ती इलाकों में गतिविधियां बढ़ाने की योजना।
- सुरक्षा चुनौतियां: खुफिया जानकारी साझा करने से भारत को आंतरिक सुरक्षा के लिए नई चुनौतियां मिल सकती हैं।
- कूटनीतिक दबाव: बांग्लादेश और पाकिस्तान के बढ़ते संबंध भारत की रणनीतिक चिंताओं को बढ़ा सकते हैं।
विश्लेषण:
पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच यह नया रिश्ता न केवल भारत की पूर्वी सीमाओं के लिए खतरा पैदा करता है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता पर भी सवाल खड़ा करता है।