राजस्थान में शुक्रवार सुबह छापेमारी के बाद राजस्व विभाग ने शाम को भी छापेमारी की. जयपुर में गणपति प्लाजा में आबकारी अधिकारियों ने लॉकर्स का निरीक्षण किया. विडंबना यह है कि आज सुबह खुद बीजेपी सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि इन लॉकर्स में 500 करोड़ रुपये का काला धन है, जो कई घोटालों से जुड़ा है. आयकर विभाग के बाद ईडी के अधिकारी गणपति प्लाजा पहुंचे. ईडी और इनकम टैक्स के अधिकारी अलमारी में मौजूद दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं.
सांसद मीना ने सुबह करीब 11 बजे चौराहे के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मीडिया के साथ चौराहे के बेसमेंट में पहुंचे. यहां की निजी बीमा कंपनियों के बारे में सांसद ने कहा कि इनके पास काला धन है. किरोड़ीलाल मीणा करीब सवा दो घंटे तक धरने पर बैठे और गणपति प्लाजा पर रुकने के बाद चले गए.
सूत्रों के मुताबिक भ्रष्टाचार में शामिल आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा और निदेशक भूपेन्द्र सारण को हाल ही में ईडी ने गिरफ्तार किया था. पूछताछ में बाबूलाल ने ईडी को अन्य लोगों के बारे में जानकारी दी. बाबूलाल कटारा से पूछताछ के बाद ईडी ने भूपेन्द्र सारण को गिरफ्तार कर लिया और तीन दिन तक पूछताछ की. भूपेन्द्र सारण से भी पूछताछ की गई. दरअसल, बाबूलाल कटारा और भूपेन्द्र सारण को पता है कि पर्दे के पीछे और कौन है। रिहाई के समय उनमें से प्रत्येक से प्राप्त जानकारी दिल्ली में ईडी कार्यालय को भेज दी गई थी। दिनेश खोड़निया, अशोक जैन और स्पर्धा चौधरी की पिछले सात दिनों से गोपनीय टीम जांच कर रही थी.
जांच के दौरान उनके बैंक विवरण, पृष्ठभूमि, संपर्क और आगामी संसदीय चुनावों पर काम की जांच की जा रही है। इसके अलावा ईडी ने राष्ट्रीय स्तर के कई शीर्ष अधिकारियों की संपर्क जानकारी हासिल की है. इस सिलसिले में दिल्ली और गुजरात की टुकड़ियों को छापेमारी के लिए जयपुर भेजा गया। दिनेश खोड़निया और अशोक जैन को ईडी अधिकारी नोटिस दे सकते है
अगर ईडी को तलाशी के दौरान सबूत मिलते हैं तो किसी को भी ईडी मुख्यालय आने के लिए कहा जा सकता है. घोषणा के बाद वे ईडी मुख्यालय जाएंगे और ईडी के सवालों का जवाब देंगे. उनके पास कटारा और सारण से बहुत सारे सबूत हैं. इससे पता चलता है कि कागज की बर्बादी के मामले में कई अन्य लोग भी शामिल हैं.