कोटा 18 अक्टूबर। जिला कलक्टर एवं मजिस्टेट एमपी मीना ने एक बेटी के प्रति अपनी गहरी संवेदनशीलता दिखाते हुए हाथांे हाथ उसे ऐसी राहत दी कि प्रार्थिया मनीषा भावुक होकर बार बार उनका आभार व्यक्त करने लगी। बीएड प्रथम वर्ष की छात्रा मनीषा की शिक्षा ना रूके इसके लिए जिला मजिस्टेªट ने तत्काल ही ई मित्र संचालक को छात्रा के बंदी पिता के बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए जेल परिसर भिजवा कर केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण कराई और एक घंटे में ही प्रार्थिया को राहत दी।
सीमलिया के कराडिया ग्राम निवासी मनीषा बैरवा परिवार के जनाधार कार्ड की केवाईसी पूर्ण नहीं हो पाने के कारण परेशान थी क्योंकि उसके पिता आजीवन कारावास सजा में जेल में हैं और आधार में दर्ज मोबाईल नम्बर अब उनके पास नहीं होने के कारण जनाधार में केवाईसी पूर्ण नहीं हो पा रही थी। इस कारण से वह छात्रवृत्ति के लिए आवेदन नहीं कर पा रही थी। परिवार को भी इस कारण कई तरह की परेशानियां आ रही थी। मनीषा ने जेल प्रशासन के समक्ष अपनी परेशानी बताई तो वहां से उसे जिला कलक्टर से मिलने की सलाह दी गई। बुधवार को मनीषा जिला कलक्टर से मिली और अपनी परेशानी बताई तो जिला कलक्टर एवं मजिस्टेªट ने इसको गंभीरता से लेकर संवेदनशील कदम उठाते हुए केन्द्रीय कारागृह अधीक्षक को पत्र लिखा जिसमें उक्त कार्य के लिए कलक्टेªट परिसर के ई-मित्र संचालक लोकेन्द्र सिंह को जेल परिसर में उपस्थित होकर केवाईसी संबंधी कार्रवाई पूर्ण कराने के निर्देश दिए। कुछ ही देर में जेल परिसर में पहुंचकर ई मित्र संचालक द्वारा छात्रा के बंदी पिता के बायोमेट्रिक्स लेकर केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण की।
कुछ ही समय में मिली इस राहत पर छात्रा मनीषा और उसके परिजनों ने बार बार जिला कलक्टर के प्रति इस कार्य के लिए आभार जताया। ई मित्र संचालक लोकेन्द्र सिंह ने बताया कि उनके सामने यहां इस तरह का यह पहला उदाहरण है जिसमें जिला मजिस्टेªट के आदेश पर जेल परिसर में जाकर केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण की गई।