राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने अहम कदम उठाया है. इस मामले में एसीबी ने ईडी अधिकारी नवलकिशोर मीना और उनके सहयोगी बाबूलाल मीना को 15 लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. इसके अलावा एसीबी ईडी अधिकारियों के ठिकानों पर भी कार्रवाई कर रही है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी अधिकारी ने मणिपुर में चिट फंड कंपनी के मामले में सैटलमेंट के तौर पर पीड़ित से 17 लाख रुपये की मांग की थी. उस वक्त उन्हें 15 लाख रुपये की पहली किस्त मिली थी. बाद में एसीबी ने उसे और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया। एसीबी ने अलवर में ऐसा ही काम किया है. खबर सामने आने के बाद एसीबी के अधिकारी अलवर गए.
एसीबी के अफसरों ने बताया कि मणिपुर में पिछले दिनों चिट फंड कंपनी के संचालकों के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज हुआ था। ईडी के अधिकारी ने समस्या का समाधान करने के लिए पैसे मांगे। इस मामले में पीड़ित ने एसीबी को बताया कि ईडी अधिकारी नवलकिशोर और बाबूलाल ने उससे पैसे की मांग की. इस मामले में ईडी के अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए पैसों की मांग कर रहे हैं कि उनकी संपत्ति जब्त न हो. साथ ही इस प्रक्रिया को खत्म करने की भी बात कही जा रही है. एसीबी को बताया गया है कि जयपुर के बस्सी निवासी नवल किशोर मीना और बाबूलाल मीना को इंफाल स्थित ईडी कार्यालय भेजा गया है. इस मामले में नवकिशोर मीना के सदस्य बाबूलाल ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई। अब एसीबी अधिकारी दोनों से अलवर स्थित कार्यालय में पूछताछ कर रहे हैं.