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राजस्थान विधानसभा चुनावों में इस बार 74.96 प्रतिशत वोटिंग, बंपर मतदान से राठौड़ की सीट पर वोटिंग बढ़ी, वसुंधरा की घटी

राजस्थान विधानसभा चुनावों में इस बार 74.96 फीसदी वोट पड़े. यह पिछली बार से एक फीसदी ज्यादा है. जानकारों के मुताबिक यह फीसदी वोट बीजेपी और कांग्रेस के बीच 30-40 सीटों का अंतर पैदा कर सकता है. पिछले साल इन्हीं 1% वोटरों ने बीजेपी को 163 से 73 और कांग्रेस को 21 से 99 पर पहुंचा दिया था.

सात मंत्री सीटों पर वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है. ऐसे में इस बात से साफ पता चलता है कि जनता उन्हें बदलना चाहती है. इस चुनाव में सीएम गहलोत समेत 18 मंत्रियों का वोट प्रतिशत कम हो गया. सबसे पहले सरदारपुरा सीट की बात करें तो इस बार यहां 2.59 फीसदी वोटों की कमी आई है. इस सीट से सरकार का चेहरा रहे सीएम अशोक गहलोत मैदान में है. यह उनकी पारंपरिक सीट है. 2018 में सरदारपुरा सीट पर 67.09 फीसदी वोट पड़े थे, इस बार यह गिरकर 64.50 फीसदी रह गया.

इस बार सीकर और लक्ष्मणगढ़ सीट पर 2.08 फीसदी ज्यादा वोट पड़े. अध्यक्ष सीपी जोशी की सीट के लिए वोट 1.76 फीसदी बढ़े. इस सीट पर पूर्व मेवाड़ परिवार के सदस्य विश्वराज सिंह बीजेपी से मैदान में हैं. वहीं प्रतिद्वंद्वी राजेंद्र राठौड़ की तारानगर सीट पर पिछली बार से 7.05 फीसदी ज्यादा वोट पड़े. ऐसे में उनकी हवाइयां उड़ी हुई है. क्योंकि वह इस सीट से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि नरेंद्र बुढानिया यहां से तीन बार विधायक रह चुके हैं.

वहीं, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की सीट झालरापाटन पर वोट प्रतिशत में गिरावट आई है. 2018 में 78.43 फीसदी वोट पड़े थे, जबकि इस बार 76.67 फीसदी वोट पड़े. वहीं, आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनवाल की खींवसर सीट पर 3 फीसदी कम वोटिंग हुई है।

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