राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुके हैं। अब हम नतीजे का इंतजार कर रहे हैं.’ आज शाम एग्जिट पोल के आंकड़े जारी होंगे, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य में किसकी सरकार बन रही है. इस बीच अशोक गहलोत की दावेदारी पर मानो संदेह होने लगा है. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हैं प्रताप सिंह खाचरियावास. वह गहलोत कैबिनेट में मंत्री भी हैं. उनके बयान ने गहलोत को झटका दे दिया है।
प्रताप सिंह खाचरियावास का मानना है कि राज्य का मुख्यमंत्री कौन बनेगा? इसका फैसला तो चुनाव के नतीजे के बाद ही होगा। इसके जवाब में उन्होंने कहा, ”पहले हमें जीतने दीजिए, फिर सीएम पद का चुनाव किया जाएगा.” हाल ही में एक एग्जिट पोल सवाल के दौरान खाचरियावास ने कहा था कि ”सट्टा बाजार फर्जी है और पैसे लेकर तो वे कुछ भी आंकड़े दे सकते हैं.” उन्होंने बीजेपी की बाड़ाबंदी पर कहा कि अगर सीटें बहुमत के करीब होंगी तो ‘हम भी बाड़ाबंदी’ करेंगे.
राजस्थान कांग्रेस के इस दिग्गज नेता के बयान से अशोक गहलोत को नुकसान होने की आशंका है. मसलन, दिल्ली में सचमुच गहलोत को लेकर घमासान छिड़ गया. गहलोत पर आरोप है कि वे आलाकमान के कहने के बाद भी नहीं मानेंगे. उदाहरण के तौर पर राज्य के फैसले में कहा गया है कि सरकार के नेता इस बात से उदास हैं कि उनकी इच्छा के मुताबिक उम्मीदवार चुने गये हैं. उन्होंने अपने प्रतिनिधियों और अग्रदूतों के लिए टिकट पाने के लिए हर संभव कोशिश की होगी। चुनाव के अंतिम क्षणों में, हमने उन्हें अपने नाम और अपने काम के इर्द-गिर्द मतदाताओं को एकजुट करते देखा।
अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच अनबन भी छुपी नहीं है. हाल ही में दिल्ली में गहलोत और पायलट के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद पर फैसला आया है. बताया जा रहा है कि नाराजगी सीएम पद को लेकर है, जबकि पायलट समर्थक उन्हें विभाग प्रमुख के पद पर बिठाना चाहते हैं. इस दुश्मनी के बाद राज्य के विधायक दो गुटों में बंटते नजर आ रहे हैं. 25 नवंबर को वोट देने पहुंचे सचिन पायलट ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ”चुनाव कोई एक आदमी नहीं जिताता. इसमें सभी की भागीदारी होती है.’