हाल के दिनों में कोटा में दो छात्रों की मौत के बाद प्रशासन फिर से सख्त होता नजर आ रहा है. इस बार जिलाधिकारी ने खुद कमान संभाली. अब कोटा में शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ हॉस्टल और पीजी में भी स्थानीय परिषद के नियमों का पालन हो, इसके लिए अभियान चलाया जाएगा. प्रशासन ने बहुत काम किया और पाठ्यक्रम डिजाइन और छात्रावास समीक्षाओं पर नोट्स प्रकाशित किए। अब स्थानीय प्रशासन की देखरेख में पाठ्यक्रम के क्रियान्वयन के सलाहकारों, सजग सदस्यों और सीपीओ की मदद से एक समूह बनाकर काम का बंटवारा किया जाएगा। इसके लिए एक विशेष पोस्टर भी तैयार किया गया है, जिसमें छात्रों की मदद के लिए कई हेल्प लाइन चौबीसों घंटे काम कर रही हैं, स्थानीय क्षेत्र के छात्रों की भागीदारी, कोटा पुलिस लाइनर की सेल, व्हाट्सएप संपर्क, ईमेल आईडी और सहायता प्रदान की गई।
अतिरिक्त हेल्पलाइन डिस्प्ले सभी छात्रावासों में प्रमुख स्थानों पर लगाए जाएंगे। जिला कलक्टर ने बताया कि शहर के लगभग सभी छात्रावासों एवं पीजी का निरीक्षण किया जा चुका है तथा यहां रहने वाले विद्यार्थियों को शिक्षित करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। कोटा शहर के छात्रों की मदद के लिए हर कल्पनीय प्रयास किया जा रहा है। सकारात्मक माहौल बनाने के साथ-साथ यदि कोई छात्र किसी भी प्रकार के दबाव में है तो वह किसी न किसी स्तर पर अपनी बात रख सके और इस पर अमल किया जा सके, इस प्रयास की सराहना की जानी चाहिए।
यह पहल ऑल अंडरस्टूडिज़ वेलफेयर सोसाइटी की ओर से हुई, जिसके बाद सभी घरों में इन प्रदर्शनी ग्रंथों को प्रदर्शित करने के लिए एक अभियान शुरू किया गया। इस संबंध में प्रत्येक हॉस्टल के विद्यार्थियों से संवाद स्थापित करने का कार्य जारी रखा गया। विद्यार्थियों से संवाद के लिए आरएएस गजेंद्र सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। कलेक्टर मीना ने कहा कि जागरूकता के लिए गठित टीम विद्यार्थियों से बात करने के साथ ही घर में नियमों की पालना पर भी नजर रखेगी.
कमरों के पंखों में हैंगिंग डिवाइस है या नहीं इसकी जांच करते समय फॉर्म भरा जाएगा, सुबह और शाम छात्रों की जांच की जाएगी, इसके अलावा छात्रों के लिए टेबल पर भोजन की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। इस निष्पादन के आधार पर हॉस्टल के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. कार्यक्रम में ऑल अंडरस्टूडिज वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष मुकेश सारस्वत ने कहा कि हम छात्रों की मदद के लिए तैयार हैं। इसमें रुचि रखने वाले छात्रों को दी जाने वाली किसी भी सामुदायिक सेवा को गंभीरता से लिया जाएगा।