-प्रतिमाह औसतन 14 से 15 लाख लोगों को मिल रहा है रोजगार
-मोबाइल फोन की मैन्युफैक्चरिंग होने वाली है लगभग 50 बिलियन डालर
कोटा 07 दिसम्बर, 2023। रेल मंत्रालय, नयी दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेन्स को सम्बोधित करते हुये रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, भारत सरकार श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आया है, हम एक ट्रिलियन डालर के एक्सपोर्ट के लक्ष्य को शीघ्र ही प्राप्त कर लेगें। अभी हमारा देश 762 बिलियन डालर का एक्सपोर्ट कर रहा है। इस एक्सपोर्ट के पीछे मुख्य कारण मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के ग्रोथ में तेजी है, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी का मुख्य कारण माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा जारी मेक इन इंडिया की सफलता है। माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मेक इन इंडिया, डिजाइन इन इंडिया एवं इन्नोवेशन इन इंडिया की सफलता और सीरीज आफ प्रोग्राम्स लाये गये। सीरीज आफ सिंपलीफिकेशंस जो किए गए एक तरीके से यह उसका पूरा रिफ्लेक्शन है।
श्री वैष्णव ने कहा कि देश में इकोनॉमिक थॉट – मेक इन इंडिया की सफलता से एक्सपोर्ट ग्रोथ में काफी वृद्धि हुयी है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने सबसे पहले जो ग्रोथ प्रोग्राम लान्च किया किया था उसमें मेक इन इंडिया प्रमुख था। मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ से ग्रामीण क्षेत्र के इकोनॉमी लेवल उपर उठती है, और वे लो इनकम से मिडिल इनकम की ओर जाते है। मैन्युफैक्चरिंग में तेजी के कारण रोजगार के अवसरों में काफी वृद्धि हुयी है और आज प्रतिमाह औसतन 14 से 15 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है।
श्री वैष्णव ने कहा कि आज निर्यात में पेट्रोलियम उत्पाद नम्बर एक पर, फार्मास्यूटिकल्स दूसरे नम्बर पर, आयरन तथा स्टील तीसरे नम्बर पर और मोबाइल फोन उत्पाद चौथे नम्बर है। उन्होनें कहा कि इस वर्ष मोबाइल फोन की मैन्युफैक्चरिंग लगभग 50 बिलियन डालर की होने वाली है और एक्सपोर्ट 15 बिलियन डालर से अधिक। हम मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की तरफ बढ़ रहे हैं उसके कारण रोजगार पैदा हो रहा है और एक्सपोर्ट बढ़ रहा है। पहले खिलौने केवल इम्पोर्ट होते थे और आज इसका एक्सपोर्ट रू. चार हजार करोड़ तक पहुॅच गया है। इस समय भारत दुनिया की पॉचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का देश है।