राजस्थान में दिसंबर में बीजेपी सरकार बनने के एक महीने बाद ही उदयपुर में बुलडोजर चलने लगा है. बीजेपी विधायक की समीक्षा के बाद बीजेपी नगर निगम बोर्ड भी सख्त हो गया है. उदयपुर शहर के कोने-कोने में बुलडोजर चल रहे हैं. आमतौर पर राजनीतिक दलों द्वारा भी इस पर रोक लगाई जाती है लेकिन साल के पहले दिन से शुरू हुई यह गतिविधि हर दिन चल रही है। बड़ी बात यह है कि यह गतिविधि 26 अप्रैल तक जारी रहेगी।
दरअसल, उदयपुर की सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक जाम है। जब सीजन हो तो स्थिति और भी भयावह हो जाती है। पर्यटकों और आसपास के लोगों को घंटों गतिविधि में खड़ा रहना पड़ता है। इससे निजात दिलाने के लिए बीजेपी विधायक ने भी संगठन से बात की थी और कार्रवाई की मांग की थी. इसके बाद बीजेपी के नगर निगम बोर्ड ने माना कि शहर की गतिविधि समस्या का एक बड़ा कारण सड़कों के किनारे अतिक्रमण है. इसके बाद 1 जनवरी से ही नागरिक संगठन समूह द्वारा शहर के भीतर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गयी.
नगर निगम अध्यक्ष एवं कल्याण समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी ने कहा कि शहर में अस्थायी एवं स्थायी अतिक्रमण को खत्म करने के लिए कंपनी सख्त कदम उठा रही है. यह गतिविधि तब तक जारी रहेगी जब तक उल्लंघनकर्ता को पूरे शहर से हटा नहीं दिया जाता। इसमें स्थायी उल्लंघन को नष्ट किया जा रहा है। इस दौरान कई केबिन, होर्डिंग, शेड, ढलान आदि को ध्वस्त कर जब्ती की कार्रवाई की जा रही है।
नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष पारस सिंघवी ने शहर के विकास को लेकर विधायी मुद्दों को उठाने का प्रयास नहीं करने की बात कही. आपके अधिकार किसी अन्य के अधिकार को छीन नहीं सकते। पिछले कुछ समय से शहरवासियों को अतिक्रमण के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बाजार में घंटों जाम रहता है.
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