भरतपुर के मथुरा गेट थाना इलाके में बजरी माफिया ने एक 22 साल के युवक को कुचल दिया. युवक की तुरंत मौत हो गई. बजरी माफिया चंबल इलाकों में अवैध बजरी की तस्करी करने आए थे. इस दौरान जब बजरी माफिया ट्रैक्टर ट्रॉली को बैक कर रहा था. तभी युवक के घर का पाइप टूट गया। बजरी माफिया ने ट्रॉली ट्रैक्टर को लेकर भागने की कोशिश की, तब अचानक युवक ट्रैक्टर ट्रॉली के नीचे आ गया. बजरी माफिया का ट्रैक्टर युवक की छाती और सिर से चढ़ाते हुए निकल गया। पूरी घटना एक निगरानी कैमरे द्वारा कैद हो गई।
घटना सुबह 8:30 बजे की है, युवक उपेन्द्र बीनारायण गेट के पास भरतपुर नर्सिंग होम के सामने रहता था। अर्जुन के पड़ोसी उपेन्द्र के घर पर निर्माण कार्य चल रहा था। उसके घर पर दो बजरी माफिया अवैध चंबल बजरी खपाने आए थे। बदमाशों में से एक खाली ट्रक को खींचकर उसमें गिट्टी फेंक रहा था, तभी अचानक उपेन्द्र के घर में पाइप टूट गया। तभी उपेन्द्र के परिजन घर से बाहर निकले और दोनों ट्रैक्टर चालकों को पकड़ लिया. उपेंद्र के परिजन ट्रैक्टर ट्रॉली वालों से बात कर रहे थे इतने में आगे खड़ी ट्रैक्टर ट्रॉली का ड्राइवर ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर भागा। उसके पीछे दूसरी ट्रैक्टर ट्रॉली जिसने उपेंद्र के घर का पाइप तोड़ा था वह भी भागा।
उपेन्द्र और उसके परिजन ट्रॉली ट्रैक्टर चालक को पकड़ने के लिए दौड़ पड़े। इस पर, उपेन्द्र अचानक गिर जाता है और ट्रैक्टर चालक मौके पर पहुंच जाता है, जिससे उपेन्द्र की छाती और सिर पर ट्रैक्टर-ट्रॉली का पहिया चढ़ जाता है। इसके बाद उपेन्द्र के परिजन तुरंत उसे उठाकर आरबीएम अस्पताल ले गये. जहां बताया जाता है कि उपेन्द्र की मौत हो गई। उपेन्द्र का शव अभी आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में पड़ा हुआ है. उपेन्द्र के परिजनों ने बताया कि कुछ पड़ोसियों ने ट्रॉली ट्रैक्टर का पीछा किया, लेकिन चालक भाग गया.
दरअसल, चंबल में बजरी पर प्रतिबंध है. इसके बाद भी बजरी माफिया भरतपुर में बजरी लाते हैं। हालांकि पुलिस अक्सर बजरी माफियाओं को पकड़ने की कोशिश करती है, लेकिन वे पुलिस पर हमला करने से नहीं चूकते. अहम बात यह है कि बजरी चंबल पर प्रतिबंध होने के बाद भी बजरी चंबल शहर के बीच कैसे पहुंची और पुलिस से कैसे बच गयी? आखिर बजरी माफिया सीधे शहर में बजरी कैसे डाल गए?