राजस्थान में अन्नपूर्णा रसोई योजना शुरू की गई, जिसमें 8 रुपये में खाना मिलता था. रसोई प्रबंधकों ने फर्जी कूपन काटकर सरकारी सब्सिडी इकट्ठा करके अपनी जेबें भर लीं। फर्जी कूपन की रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार ने राज्य में काम करने वाले सात रसोई कर्मियों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है.
स्वायत्त शासन निदेशालय की रिपोर्ट के अनुसार ये रसोईयां जोधपुर जिले के बासनी, नागौर जिले के लाडनूं और भीलवाड़ा नगर परिषद में चल रही हैं. प्रबंधन ने किचन संचालकों पर 3 लाख 70 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. प्रति कूपन 2,000 रुपये की दर से जुर्माना तय किया गया है. इन रसोई संचालकों ने एक ही व्यक्ति के 10 मिनट के अंतराल में 2 कूपन काटे। जबकि नियमानुसार एक व्यक्ति के अधिकतम एक समय के खाने में दो कूपन काटने का अंतराल 25 मिनट से ज्यादा का होता है।
राज्य में सत्ता में आने के बाद भजनलाल सरकार ने इन रसोई में परोसे जाने वाले भोजन की मात्रा 450 ग्राम से बढ़ाकर 600 ग्राम कर दी. एक थाली में चपाती, दाल, सब्जी, चावल और बाजरा (बाजरा की खिचड़ी या दलिया) मिलता है. इसके चलते सरकार ने सब्सिडी 17 रुपये से बढ़ाकर 22 रुपये कर दी है. ऐसे में खाना खाने वाले व्यक्ति से 8 रुपये लिए जाते हैं.