दिल्ली में बिजली सब्सिडी कराने को लेकर विपक्ष ने आम आदमी पार्टी (आप) की आलोचना की है. विपक्ष का कहना है कि बिजली सब्सिडी की वजह से दिल्ली पर आर्थिक संकट का खतरा मंडरा रहा है. वहीं एलजी विनय सक्सेना (Vinai Saxena) की कार्रवाई पर भी राजधानी में बिजली सब्सिडी की मार नजर आ रही है.
इसको लेकर हाल ही में एलजी सक्सेना ने अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उसके बाद, दिल्ली सरकार को इस बात के लिए बुलाया गया था कि दिल्ली सरकार को अभी तक बिजली सब्सिडी के लिए कॉर्पोरेट स्वीकृति नहीं मिली है। बिना कंपनी के सहयोग के कई सालों तक दिल्ली के लोगों को बिजली सब्सिडी दी जाती रही जो पूरी तरह अवैध थी।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मुख्य सचिव को कंपनी को बिजली सब्सिडी के मुद्दे को उठाने का निर्देश दिया है और उम्मीद है कि अगले 15 दिनों के भीतर कंपनी में निर्णय लिया जाएगा। उसके बाद ही दिल्ली में बिजली सब्सिडी योजना जारी रहेगी। वैसे, इस बारे में बिजली वितरण करने वाली कंपनी ने महासचिव से शिकायत की, जिसमें कहा गया कि यह वाणिज्यिक लेनदेन के कानून का उल्लंघन है और स्वीकृत निवेश 5 किलोवाट तक सीमित है।
वहीं, आम आदमी पार्टी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि एलजी अवैध आदेश जारी कर संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं, जो अस्वीकार्य है. देश की सर्वोच्च अदालत, सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक अदालत ने अपने पहले फैसले में यह स्पष्ट कर दिया कि इन मामलों पर एलजी का अधिकार क्षेत्र नहीं है, जिसमें बिजली सब्सिडी भी शामिल है।