बूंदी (कोटा संभाग) 24 मई।
संवाददाता शिवकुमार शर्मा
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में वरिष्ठ नागरिकों को उनके अधिकारों के बारे में संवेदनशील बनाने और जागरूकता फैलाने के लिए शहर के बालचंद पाड़ा, देवपुरा व नैनवा रोड स्थित सुदामा सेवा संस्थान के आसरा वृद्धाश्रम पर गहन जागरूकता शिविर आयोजित किए गए। प्राधिकरण के पीएलवी डॉ सर्वेश तिवारी के नेतृत्व में वरिष्ठजनो का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया गया एवं नृत्य संगीत ध्यान मेडिटेशन के साथ तनाव प्रबंधन कर उन्हें उनके कानूनी अधिकारों से परिचित करवाया गया। इस अवसर पर पैनल अधिवक्ता कमलेश शर्मा, जयेश सिन्हा, एम्बेसेडर अक्षरा गौतम एवं सिद्धि नामा मुख्य वक्ता रहे।
बालचंद पाड़ा में श्री नारायण सेवा एवं विकास संस्थान के प्रांगण में वृद्ध महिलाओं की विचार गोष्ठी आयोजित हुई जिसकी अध्यक्षता गुलाब बाई ने की। कार्यक्रम में परमहंस शिक्षण समिति सिलोर के अध्यक्ष रितेश झा, पंचायत शिक्षक मीनाक्षी शेखर, एंबेसडर अक्षरा गौतम ने बुजुर्गों के समाज में महत्व एवं पीएलवी सर्वेश तिवारी ने वृद्ध जनों से जुड़े भरण पोषण अधिनियम 2007 की विस्तृत जानकारी दी, उन्होंने कहा कि बुजुर्ग परिवार की शक्ति तथा अनुभवो का खजाना होते हैं इनकी छांव में पूरा परिवार खुशियों से भरा रहता है हमें इनका सम्मान अवश्य करना चाहिए । इस अवसर पर संभागी धापू बाई, कमला बाई, प्रकाश, भरोसी, कल्याण, लीला, काली, संतरा, विमला बाई, मुमताज, पुष्प, नंदू, सलमा, कल्याण, कमला बाई व लाली बाई वरिष्ठ नागरिक महिलाओं ने भजन व गीतों पर नृत्य की प्रस्तुतियों से वातावरण को आध्यात्मिक स्वरूप प्रदान कर दिया। वृद्धाओं ने अतिथियों के साथ जलपान किया एवं अपनी समस्याएं भी साझा की। संस्थान अध्यक्ष राम सिंह ने आभार प्रकट किया।
भरण पोषण बुजुर्गों का कानूनी अधिकार है
इसी क्रम में देवपुरा में वरिष्ठ नागरिकों के विधिक अधिकार और परिवारों में उनका महत्व विषयक संगोष्ठी के आयोजन के साथ वरिष्ठजन का अभिनंदन सामाजिक सरोकारों से जुड़ी एचएनबी हॉबी क्लासेस के द्वारा किया गया। वरिष्ठतम नागरिक संत कुमार बाकलीवाल की अध्यक्षता में हुए आयोजन में समाज सेवा कार्यों से जुड़े वरिष्ठ नागरिक देवी सिंह सेनानी मुख्य अतिथि रहे। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉ. तिवारी ने कानूनी अधिकारों की जानकारी देते हुए कहा कि माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 कानून बुजुर्गों का सहारा है जिससे वे अपनी मदद खुद कर सकते हैं। अधिनियम की धारा 2 डी के तहत जन्मदाता माता-पिता, दत्तक संतान ग्रहण करने वाले, सौतेले माता और पिता तथा धारा 2(जी) के अनुसार जिनके बच्चे नहीं उनके भरण पोषण की जिम्मेदारी वे संबंधी उठाएंगे जो उनकी संपत्ति के हकदार हैं। धारा 5 के अनुसार वे वरिष्ठ नागरिक जिनकी देखरेख उनके बच्चे या संबंधी नहीं कर रहे है वे शिकायत कर सकते हैं।
कहां गई दादी की लोरी, नाना व बाबा की वो कहानियां
संगोष्ठी में बोलते हुए अक्षरा गौतम तथा सिद्ध नामा ने बुजुर्गों से जुड़े अपने संस्मरण साझा करते हुए कहा कि कहां गई दादी की लोरी, नाना व बाबा की वो कहानियां जो बच्चों को अंदर से मजबूत बनाती थी। इस अवसर पर तनाव प्रबंधन के लिए प्रशिक्षक बुद्धि प्रकाश पुंडीर द्वारा योग प्राणायाम, डॉ सर्वेश तिवारी द्वारा ध्यान मेडिटेशन का अभ्यास करवाया गया। संगोष्ठी में भाग लेते हुए चंडी सिंह हाड़ा, मदन लाल सैनी, देव प्रकाश ओझा, सुबोध गर्ग, सुखलाल चैधरी, ओम प्रकाश शर्मा, महावीर सेन व प्रबंधक नैना सैनी ने माना कहा कि आज भी परिवार में बुजुर्गों का महत्व है उन्हें पर्याप्त सम्मान व अधिकार मिले इसके प्रति नई पीढ़ी में वातावरण निर्माण बहुत जरूरी है। इससे पूर्व सामाजिक कार्यकर्ता हेमराज ओड व हंसराज चैधरी ने रोली कुमकुम अक्षत तिलक लगाकर सभी वरिष्ठजन का सम्मान किया। संस्थान के निदेशक नरेंद्र गौतम व ओम प्रकाश शर्मा ने आभार प्रकट किया। टीम द्वारा सत्तासी वर्षीय वरिष्ठतम नागरिक मूलचंद बघेल व उनकी पत्नी सुशीला देवी का घर पहुंचकर अभिनंदन किया।
वृद्ध आश्रम में जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन
आसरा वृद्धाश्रम पर वरिष्ठ जन को कानूनी अधिकारों से परिचित करवाने के लिए विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें पैनल अधिवक्ता कमलेश शर्मा एवं पीएलवी डॉ सर्वेश तिवारी ने वृद्धजनों को हाड़ौती भाषा में संवाद करते हुए उनके कानूनी अधिकारों तथा उन्हें प्राप्त करने की प्रक्रिया से अवगत करवाया। सुदामा सेवा संस्थान के पद्माकर पाठक ने अतिथियों का स्वागत किया। संस्थान के ओम प्रकाश जैन ने आभार प्रकट किया। इस अवसर पर प्राधिकरण के जयेश सिन्हा सहित आश्रम के सुरेश चंद्र शर्मा, मनीष गौतम, बिरधी लाल रैगर व वरिष्ठ जन उपस्थित रहे।