गया, बिहार 05 जून।
संवाददाता दीपचंद शर्मा
आर एस एस की धर्म संस्कृति संगम के तत्वाधान में दसवां वार्षिक चीवरदान कार्यक्रम स्थान महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र बोधगया बिहार में 6 जून को संपन्न हुआ ।जिस कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आलैकर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर इंद्रेश कुमार राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राष्ट्रीय स्वयं संघ के साथ-साथ बहुत से गणमान्य नागरिक कार्यक्रम की शोभा बढ़ा रहे थे। जिसमें महंत दीनानाथ मंदिर व्यवस्थापक महाबोध मंदिर के अलावा उत्तराखंड महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वर दास भी मौजूद रहे जिनका स्वागत भोला मिश्रा ने इंद्रेश का स्वागत किया, संजय सिंह ने राज्यपाल का स्वागत कर, उसके पश्चात दीप प्रज्ज्वलित करने के लिए सभी को आमंत्रित किया । उसके उपरांत दीप प्रज्ज्वलित कार्यक्रम के पश्चात डॉक्टर इंद्रेश का संबोधन हुआ उस संबोधन के पश्चात मुख्य अतिथि राज्यपाल बिहार सरकार ने भी अपने संबोधन के रूप में धर्म संस्कृति संगम के तत्वाधान में होने वाली 10वीं यात्रा के संदर्भ में अपने मुख से उपस्थित यात्रियों और सभी गणमान्य लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि इस यात्रा से देश की एकता और अखंडता को बल मिलेगा साथ ही साथ सनातनी संस्कृति और महात्मा बुद्ध के बौद्ध धर्म के संगम के रूप में भी इस यात्रा को देखा जाना चाहिए।। कार्यक्रम का स्थान महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र बोधगया में किया गया।
मथुरा से इस यात्रा में सहभागिता करने वाले पंडित संजय हरियाणा ने बताया यह यात्रा ऐतिहासिक है इसमें मेरठ से शुरू हुई यात्रा नैमीशरण,हौते हुए नेपाल के लुंबिनी पहुंची, जहां महात्मा बुद्ध का जन्म स्थान है, वहां दर्शन करने के पश्चात यह यात्रा पशुपतिनाथ दर्शन करने नेपाल पहुंची पशुपतिनाथ जी के भव्य और दिव्य दर्शन करने के पश्चात यह यात्रा फाइव स्टार होटल डेल्टा पहुंची,जहां इंद्रेश और राज्यपाल के साथ गोष्ठी और चीवरदान व संघदान कार्यक्रम संपन्न हुआ।अब यह यात्रा नालंदा विश्वविद्यालय होते हुए सारनाथ मंदिर, काशी विश्वनाथ वाराणसी मंदिर होते हुए, अपने अंतिम पड़ाव रामलला दर्शन अयोध्या धाम दर्शन करने के पश्चात इस यात्रा का समापन होगा।
इस यात्रा में मथुरा से पंडित संजय हरियाणा के साथ गोपाल शर्मा, सीता शर्मा अनीता हरियाणा, प्रीति सोलंकी एडवोकेट, संतोष पुरोहित के साथ-साथ करीब 400 लोग देश के विभिन्न राज्यों और प्रांत, तालुका स्थल से इस यात्रा में पहुंचे, इस यात्रा में भारत देश की संस्कृति के दर्शन देखने को मिल रहें हैं। कार्यक्रम का आरंभ और समापन भारत के राष्ट्रगान के साथ संपन्न हुआ।