उम्र बढ़ने के साथ वजन का बढ़ना आम समस्या बन चुकी है, लेकिन यह सेहत के लिए गंभीर परेशानियां खड़ी कर सकता है। इसका मुख्य कारण फिजिकल एक्टिविटी में कमी, स्लो मेटाबॉलिज्म, मसल्स मास का नेचुरल लॉस और हार्मोनल असंतुलन है। आइए जानते हैं वजन बढ़ने के पीछे की वजहें और इन्हें कैसे नियंत्रित किया जा सकता है।
1. मेनोपॉज का प्रभाव
महिलाओं में मेनोपॉज से पहले का चरण, जिसे पेरिमेनोपॉज कहते हैं, आमतौर पर 40 की उम्र के बाद शुरू होता है। इस दौरान हॉर्मोनल बदलावों के कारण वजन बढ़ सकता है। इसके साथ ही हॉट फ्लैशेज, सेक्सुअल डिजायर में कमी और अनियमित पीरियड्स भी देखे जा सकते हैं।
2. स्ट्रेस और एंग्जायटी
अत्यधिक तनाव और चिंता के दौरान कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे शरीर में फैट जमा होने लगता है। लंबे समय तक कोर्टिसोल का उच्च स्तर वजन बढ़ने का कारण बन सकता है।
3. पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज)
पीसीओडी के दौरान हॉर्मोनल असंतुलन के कारण वजन बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। अनियमित पीरियड्स और इंसुलिन प्रतिरोध इसकी प्रमुख वजहें हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट में सुधार जरूरी है।
4. नींद की कमी
पर्याप्त नींद न लेना आपके मेटाबॉलिज्म पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। नींद की कमी से भूख बढ़ाने वाले हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे आप जरूरत से ज्यादा खाने लगते हैं।
5. हार्मोनल असंतुलन
थायरॉयड, इंसुलिन प्रतिरोध और पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम जैसे हॉर्मोनल असंतुलन वजन को तेजी से बढ़ा सकते हैं। गर्भावस्था और मेनोपॉज के दौरान हॉर्मोनल बदलावों का सीधा असर वजन पर पड़ता है।
वजन को नियंत्रित करने के उपाय
1. नियमित व्यायाम: रोजाना 30-45 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी करें।
2. संतुलित आहार: प्रोटीन, फाइबर और कम कैलोरी वाले फूड्स का सेवन करें।
3. तनाव से बचाव: योग और मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
4. नींद पूरी करें: रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें।
5. मेडिकल चेकअप: नियमित रूप से हॉर्मोनल टेस्ट कराएं।
अपनी दिनचर्या में बदलाव और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आप उम्र के साथ बढ़ने वाले वजन पर नियंत्रण पा सकते हैं।