झुंझुनू, 06 जून।
संवाददाता दिनेश जाखड़
हरियाणा के अधिकारियों से समन्वय कर 4 माह में डीपीआर पूरी करने के निर्देश कहा- प्रतिदिन हो मॉनिटरिंग
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को झुंझुनूं जिले समते शेखावटी क्षेत्र में यमुना जल लाने को लेकर उच्च स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक में मुख्यमंत्री शर्मा ने आगामी 4 माह में हरियाणा सरकार के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर डीपीआर पूरी करने के स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ताजेवाला हैडवर्क्स परियोजना राज्य सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है, ऐसे में इनकी प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाए। मुख्यमंत्री ने आवश्यकतानुसार परियोजना को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए, ताकि आमजन को समय पर इसका लाभ पहुंचाया जा सके।
पंपिग पर निर्भरता कम रखते हुए नैसर्गिक भाव से यमुना जल लाने पर जोर:
मुख्यमंत्री ने कहा कि ताजेवाला हैडवर्क्स परियोजना के तहत जल भंडाराण के अन्य विकल्प भी तलाशे जाएं। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि परियोजना के तहत जल उपलब्धतता के लिए पंपिंग पर निर्भरता कम रखते हुए नैसर्गिक भाव से यमुना जल लाने पर जोर दिया जाए। बैठक में जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, मुख्य सचिव सुधांश पंत, एसीएस जल संसाधन अभय कुमार, एसीएस वित्त अखिल अरोड़ा समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। गौरतलब है कि जिले में अप्रैल माह में वाटर रिजर्वेयर को लेकर सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है। गत 17 फरवरी को केंद्र सरकार, राजस्थान सरकार एवं हरियाणा सरकार के मध्य हुए एमओयू के तहत ताजेवाला से प्रवाह प्रणाली के क्रम में डीपीआर बनाने पर सहमति बनी है। इस योजना के मूर्त रूप लेने के बाद राजस्थान को ताजेवाला हेड-वर्क्स से यमुना नदी का पानी मिल सकेगा और बारिश में व्यर्थ बह जाने वाले जल का भी समुचित उपयोग हो सकेगा। प्रोजेक्ट में भूमिगत पाइपलाइनों के माध्यम से यमुना नदी का पानी सीकर, चूरू, नीमकाथाना और झुंझुनू को उपलब्ध कराया जायेगा। यह परियोजना दोनों राज्यों के लिए हितकारी साबित होगी। योजना के धरातल पर उतरने के बाद राजस्थान को उसके हिस्से का पूरा पानी मिलेगा और शेखावाटी क्षेत्र की पेयजल समस्या का समाधान हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि यमुना जल पर मई 1994 में संपादित समझौते के अनुसरण में राजस्थान को हरियाणा स्थित ताजेवाला हेड पर मानसून के दौरान 1917 क्यूसेक जल आवंटित है। वर्तमान में ताजेवाला हेड से राजस्थान को जल लाने हेतु कैरियर सिस्टम उपलब्ध नहीं है। राज्य द्वारा वर्ष 2003 में हरियाणा की नहरों को रिमॉडलिंग कर राजस्थान में यह जल लाए जाने हेतु व पुनः वर्ष 2017 में भूमिगत प्रवाह प्रणाली के माध्यम से जल लाने हेतु हरियाणा सरकार को एमओयू भेजा गया। जिस पर हरियाणा राज्य की सहमति प्राप्त नहीं हो सकी थी। पिछले 30 वर्षों के दौरान राजस्थान द्वारा लगातार इस मुद्दे को अपर यमुना रिव्यू कमिटी व अन्य अंतराज्यीय बैठकों में निरंतर रखा गया।
गत फरवरी में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के प्रयासों से ताजेवाला हेड पर आवंटित जल के राजस्थान में पेयजल उपयोग हेतु प्रथम चरण की संयुक्त रूप से डीपीआर बनाने हेतु एमओयू हुआ था।
फैक्ट फाईल:
17 फरवरी 2024 को यमुना जल को लेकर हरियाणा, राजस्थान और केंद्र सरकार में एमओयू हुआ।
3 जिलों (चूरू, सीकर, झुंझुनूं) को मिलेगा पेयजल
3 से 4 वाटर रिजर्वेयर बनेंगे झुंझुनूं जिले में
70 हजार हैक्टेयर भूमि सिंचित हो सकती है जिले में योजना के दूसरे चरण में
3 या 4 रिजर्वेयर बनाए जा सकते हैं झुंझुनूं जिले में
263 किमी लंबाई है ताजेवाला हैडवर्क्स (हथिनीकुंड बैराज) से हांसियावास (राजगढ़), जहां से राजस्थान में जल प्रवेश करता है
19136 करोड़ की संभावित लागत है प्रथम चरण की