महाराज फिल्म पर सनातन विरोधी होने के कारण, तुरंत रोक लगाई जाए हिंदू महासभा

ब्यूरो चीफ दीपचंद शर्मा मथुरा

अखिल भारत हिन्दू महासभा के कार्यवाहक प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित संजय हरियाणा ने कहा महाराज फिल्म के द्वारा सनातन धर्म और कृष्ण भक्तों के अनुयायियों की भावना को ठेस पहुंचाने का कार्य, फिल्म के निर्माता, निर्देशक और जिस पुस्तक के आधार पर इस फिल्म को बनाया गया है उन सभी लोगों द्वारा किया गया है। यह फिल्म ओटीटी पर रिलीज की गई है और इस फिल्म को नेटफ्लिक्स जो हिंदुस्तान से बाहर की विदेशी कंपनी है उसने रिलीज किया है ।पंडित संजय हरियाणा ने बताया जब अंग्रेजों ने भारत पर शासन किया था तब भी देश को तोड़ने और सनातन धर्म को मिटाने की साजिशें लगातार उनके द्वारा रची गई इस समय 1862 के एक मामले में हिंदुओं के आराध्य भगवान के ऊपर भी आपत्तिजनक बातें की गई जो की एक नवल कथा पुस्तक के द्वारा देश के सनातन प्रेमियों को आपस में लड़वाने का भी प्रयास किया गया था। फिल्म का निर्माण हिंदू सनातन अनुयायियों सहित पुष्टिमार्ग संप्रदाय की वैष्णव भक्तों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से किया गया है। फिल्म को देश विरोधी बताते हुए कहा की ओटीटी पर रिलीज कर पूरे विश्व में हिंदुओं को कलंकित करने की योजना बनाई गई है। यह कार्य पूर्व में अंग्रेज किया करते थे जिन्होंने हमेशा देश को तोड़ने का कार्य किया ।सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार देखा जा रहा है कि फिल्म में मुख्य अभिनेता की भूमिका आमिर खान के बेटे जुनैद खान ने निभाई है फिल्म के पोस्टर से ही धार्मिक भावनाएं हिंदू धर्म के गुरु को खलनायक के रूप में दिखाया और पेश किया गया है। यह भी देखने में आ रहा है हिंदुओं के आराध्य भगवान श्री कृष्ण जी पर भी टिप्पणी की गई है फिल्म के माध्यम से हिंदू धर्म गुरु और सनातन हिंदू धर्म को कलंकित करने का प्रयास किया जा रहा है। यह भी उल्लेखित है कि डेढ़ सौ वर्ष पूर्व भी कोर्ट में एक मुकदमा चला था उसे विषय पर आधारित किताब के आधार पर यह फिल्म बनाई गई है ।वह समय अंग्रेजों का शासन था वह तो चाहते ही थे कि देश को तोड़े, हिंदू समाज को तोड़े, इसलिए भी यह सरल था कि हिंदू धर्म गुरु और शास्त्रों को कलंकित करने का कार्य भी अंग्रेजों द्वारा किया गया आज 150 वर्ष के पश्चात उसे केस के माध्यम हिंदू धर्म को अपमानित करने का कुंठित प्रयास किया जा रहा है।सनातन हिंदू धर्म और भारतीय समाज में कुछ शब्दों का विशेष मान सम्मान है। जैसे धर्मगुरु, आचार्य, महाराज फिल्म के शीर्षक में ही जब ऐसे वंदनीय शब्द का उपयोग होता है। तो उसके कंटेंट पर संदेह होना स्वाभाविक है। देखा जाए तो अंग्रेजी शासन व न्याय व्यवस्था तो भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु को भी आतंकवादी मानती थी पर अपने लिए तो वह सभी महान स्वतंत्रता सेनानी थे। अंग्रेजी शासन धर्म गुरु और सनातन धर्म पर लगातार हमला करती थी इसीलिए विदेशी कंपनी द्वारा भारत के लोगों को कलंकित करने के लिए यह कार्य किया जा रहा है ।अंग्रेजों द्वारा भी इसी प्रकार से धर्म परिवर्तन किया जा सके और आज 150 वर्ष पूर्व हुए कोर्ट के फैसले के आधार पर आज फिल्म बनाना हिंदू विरोधी मानसिकता को दर्शाता है ।पंडित संजय हरियाणा ने और बताया इससे प्राचीन पुष्टिमार्ग लगभग अस्तित्व खो देगा। क्योंकि अंग्रेजी जजो ने हमारे पुस्तकों का बहुत गलत अर्थघटन किया था और समग्र हिन्दू सभ्यता और उससे भी भगवान कृष्ण, गोपियां और पुष्टिमार्ग वल्लभ सम्प्रदाय को एकदम हीन साबित किया था। जो कि तत्वतः गलत था। जिन महाराज का चित्रण है मूवी में उसके खिलाफ आरोप साबित नही हो सकता ,देख अंग्रेजो ने, इस मानहानि के केस में समग्र हिन्दू सनातन धर्म और पुष्टिमार्ग सम्प्रदाय को ही गलत बताया गया और केस व्यक्तिगत केस की जगह धार्मिक सामुदायिक हो गया था।
पंडित संजय हरियाणा में यह भी कहा की यह फिल्म हिंदू जन भावना को आहत करने के उद्देश्य से बनाई गई है और यदि फिल्म रिलीज होती है तो लां एंड ऑर्डर की समस्या भी खड़ी हो सकती है ।इसलिए हमारी मांग है संत समाज के प्रतिनिधि मंडल को यह फिल्म दिखाई जाए और उन्होंने यह भी कहा कि आज बडौदा में इस फिल्म को जजों द्वारा देखा जाएगा। उसके पश्चात इस फिल्म को रिलीज करने के विषय पर आदेश दिया जाएगा ‌बड़ौदा के जिला अधिकारी महोदय को भी ज्ञापन दिया गया है। लगातार सारे देश में इस फिल्म के विरोध में उग्र प्रदर्शन और कानूनी कार्रवाई हो रही है बड़ौदा की कोर्ट में भी मुकदमा दायर किया गया है। जिसमें फिल्म पर रोक लगने की पूरी-पूरी उम्मीद है।पंडित संजय हरियाणा ने मथुरा के जिला अधिकारी महोदय से भी मांग की है ऐसी फिल्मों के निर्माता निर्देशक और विदेशी कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सभी लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए जिससे सनातन धर्म विरोधी लोगों को एक सबक मिल सके।

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