ब्यूरो चीफ़ शिवकुमार शर्मा
कोटा राजस्थान
कोटा 23जून। सुभाष नगर स्थित पोरवाल मांगलिक भवन में सुंदलक परिवार के द्वारा आयोजित आठ दिवसीय श्रीमद् भागवत पुराण कथा एवम् शिव शक्ति महानुष्ठान के चोथे दिन सर्वप्रथम व्यास पीठ का पूजन कर कथा का शुभारंभ किया गया।
व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए, अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है। अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। यह कहते हुए कथा व्यास आचार्य श्री खेमराज जी शास्त्री ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, जेल के ताले टूट गये। पहरेदार सो गये, वासुदेव व देवकी बंधन मुक्त हो गए। प्रभु की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं है। कृपा न होने पर प्रभु मनुष्य को सभी सुखों से वंचित कर देते हैं। भगवान का जन्म होने के बाद वासुदेव ने भरी जमुना पार करके उन्हें गोकुल पहुंचा दिया। वहां से वह यशोदा के यहां पैदा हुई शक्तिरूपा बेटी को लेकर चले आये। शास्त्री जी ने कहा कि कंस ने वासुदेव के हाथ से कन्य रूपी शक्तिरूपा को छीनकर जमीन पर पटकना चाहा तो वह कन्या राजा कंस के हाथ से छूटकर आसमान में चली गई। शक्ति रूप में प्रकट होकर आकाशवाणी करने लगी कि कंस, तेरा वध करने वाला पैदा हो चुका है।
शास्त्री ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा।
श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर जमकर झूमे
श्रीकृष्ण जन्म उत्सव पर नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की भजन प्रस्तुत किया तो श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर जमकर झूमने लगे । एक-दूसरे को श्रीकृष्ण जन्म की बधाईयां दी गई, एक-दूसरे को खिलौने और मिठाईयां बाटी गई।माखन मिश्री का प्रसाद बांटा गया। कथा महोत्सव में बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने भजन प्रदुम कर भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशियां मनाई। विधायक कोटा दक्षिण संदीप शर्मा ने भी कथा स्थल पर पहुंचकर शास्त्री जी का अभिनंदन कर आशिर्वाद प्राप्त किया।
मुख्य आयोजक सुरजप्रकाश, दीपेश गुप्ता सुंदलक वालो ने बताया कि कल कथा के अंतर्गत श्री कृष्ण की बाल लीला, माखन चोरी एंव गोवर्धन पूजन का वाचन किया जाएगा।